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टैक्स भुगतान पर AMU और नगर निगम आमने-सामने, जानें असली वजह

टैक्स भुगतान को लेकर AMU और नगर निगम में जंग छिड़ गई है. AMU ने टैक्स भुगतान के लिए शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी को पत्र लिखा है. विश्वविद्यालय के अनुसार नगर निगम उनका 9 करोड़ 33 लाख रुपये नहीं दे रहा है.

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Published : Jan 5, 2021, 8:29 PM IST

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी

अलीगढ़ः अलीगढ़ नगर निगम के डिफॉल्टरों में सबसे बड़ा नाम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का है. उस पर प्रॉपर्टी टैक्स के 14 करोड़ 98 लाख रुपये बकाया हैं. इसका भुगतान करने के लिए AMU प्रशासन ने शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी को पत्र लिखा है. इसके साथ ही AMU प्रशासन ने दावा किया है कि निगम पर उनके भी 9 करोड़ 33 लाख बकाया हैं. इसका भुगतान नगर निगम नहीं कर रहा है.

AMU टैक्स भुगतान मामला.

टैक्स की नहीं है छूट
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज साफे किदवई ने बताया कि 2006 से पहले नगर निगम नहीं था. तब हॉस्टल, लाइब्रेरी और प्रयोगशाला टैक्स के दायरे से बाहर थे. साफे किदवई ने दावा किया कि विश्वविद्यालय के रेजिडेंशियल एरिया का टैक्स लगातार जमा किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की व्यवस्था के तहत एएमयू पर टैक्स लगाया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन इसका लगातार विरोध करता रहा है और ये मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन भी है.

बिजली मीटर का भुगतान बकाया
साफे किदवई ने कहा कि नगर निगम के ट्यूबेल और पाइप लाइन विश्वविद्यालय कैंपस में मौजूद हैं. इसके बिजली के मीटर का बिल 9 करोड़ 33 लाख रुपये हैं. एएमयू ने इसके भुगतान के लिए कई बार नगर निगम को रिमाइंडर भेजा है. इसके बाद भी नगर निगम ने भुगतान नहीं किया गया. इसके विपरीत विश्विविद्यालय के बैंक अकाउंट को सीज करा दिया गया .

कोविड 19 गतिविधियों पर पड़ेगा असर
एएमयू के एसबीआई अकाउंट को नगर निगम ने सीज करा दिया है. साफे किदवई ने बताया कि एएमयू के बैंक अकाउंट सीज करने से मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 संक्रमण के विरुद्ध चल रहे अभियान पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम से भुगतान दिलाने के लिए कुलपति ने शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी को पत्र लिखा है. इस पत्र में फंड की मांग की है. इस पैसे से नगर निगम के टैक्स की अदायगी की जाएगी.

मजबूरी में कराया गया खाता सीज
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी विनय कुमार ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय नगर निगम का सबसे बड़ा डिफॉल्टर है. एएमयू पर 14 करोड़ 98 लाख 11 हजार रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स ड्यूज है. नगर निगम ने प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एएमयू को नोटिस भेजा और व्यक्तिगत संवाद भी किया. इसके बाद भी एएमयू ने टैक्स का भुगतान नगर निगम को नहीं किया. टैक्स का भुगतान नहीं मिलने पर एएमयू का बैंक अकाउंट सीज कराया गया है.

रिट हो चुकी है खारिज
निगम अधिकारी ने कहा कि एएमयू प्रशासन की तरफ से बकाया टैक्स को लेकर भ्रामक स्थिति पैदा की जाती है. उन्होंने बताया कि एएमयू प्रशासन 2019 में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में गया था, लेकिन उनकी रिट को खारिज कर दी गई थी. लोअर कोर्ट में एएमयू की अपील अभी निस्तारित नहीं हुई है. नगर निगम को इस मामले में कोई भी स्थगन आदेश नहीं मिला है. उत्तर प्रदेश नगर निगम एक्ट 1959 के तहत कर मुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है.

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