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मरने के बाद भी पांच लोगों को नई जिंदगी दे गई शिक्षिका

यूपी के अलीगढ़ निवासी शिक्षिका की ब्रेन डेड होने के बाद पति ने अंगदान करने का फैसला लिया. शिक्षिका के पति ने बताया कि पूजा मरने के बाद भी वह जिंदा है. पूजा ने पांच लोगों की जिंदगियां बचाई हैं.

मरने के बाद भी पांच लोगों को नई जिंदगी दे गई शिक्षिका
मरने के बाद भी पांच लोगों को नई जिंदगी दे गई शिक्षिका

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Published : Jan 22, 2021, 4:25 PM IST

अलीगढ़:जनपद की शिक्षिका ने मौत के बाद अंगदान कर पांच लोगों की जिंदगी बचाई है. सेंटर प्वाइंट निवासी पूजा भार्गव दुनिया को जीवन देने का पाठ पढ़ा गईं. पूजा दिल्ली पब्लिक स्कूल में गणित की शिक्षिका थीं. पूजा को ब्रेन में दिक्कत आई थी और उनका इलाज नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में चल रहा था.

गणित की शिक्षिका थी पूजा.

पति ने की अंगदान की अपील
जानकारी के मुताबिक बुधवार रात डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसकी सूचना डॉक्टरों ने परिजनों को दी. इस पर शिक्षिका के पति ने अंगदान करने की अपील की. यह समय उनके लिए सहज नहीं था. लेकिन परिजनों ने साहस दिखाया. शिक्षिका पूजा भार्गव के हृदय, फेफड़े, दोनों किडनी और लीवर दान किया. जिससे पांच लोगों को नई जिंदगी मिली है. पूजा दुनिया छोड़ने के बाद भी लोगों को जीवन देने का पाठ पढ़ा गई.

जरूतमंद मरीजों को दी गई मदद
शिक्षिका के पति की अपील पर दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में ही नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (नोटो) से संपर्क किया गया और अंगदान संबंधी जानकारी दी. आर्गेनाइजेशन ने जरूरतमंदों की लिस्ट के आधार पर मुंबई और चेन्नई के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को चुना. गुरुवार को ही अंग प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हुई. जिसमें तीन घंटे लगे.

ऑपरेशन के लिए मुंबई और चेन्नई से आए डॉक्टर
इस दौरान शिक्षिका के शरीर से हृदय निकालकर चेन्नई पहुंचाया गया. वहीं फेफड़ों को चार्टर्ड प्लेन से मुंबई के अस्पताल पहुंचाया गया. ऑपरेशन के लिए मुंबई और चेन्नई से डॉक्टर फोर्टिस अस्पताल पहुंचे थे. बॉडी ऑर्गन को पहले नोएडा में सड़क मार्ग के रास्ते दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचाया गया. फिर वहां से अलग-अलग शहरों तक मरीजों को मदद दी गई. वहीं किडनी और लीवर दिल्ली के अस्पताल में ही मरीज के काम आया.

मर कर भी जिंदा है पूजा
शिक्षिका का शव शुक्रवार को अलीगढ़ लाया गया. इस दौरान उनके घर परिजन के लोग एकत्रित हुए. उनका अंतिम संस्कार नुमाइश स्थित श्मशान गृह में किया गया. शिक्षिका पूजा के परिजन गौरव भार्गव ने बताया कि वह तो नहीं है. लेकिन यह बहुत बड़ा कदम है. जिससे पांच लोगों को जीवन मिला है मुझे लगता है कि वह आज भी जिंदा है.

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