अलीगढ़: ज्ञानवापी प्रकरण में मंदिर के समर्थन में बयान देकर चर्चा में आईं समाजसेवी रुबीना खानम अब मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. उनका आरोप है कि उन्हें व उनके परिजनों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है. उनके निवास स्थान की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. हालांकि, पिछले दिनों खतरे को देखते हुए राज्य महिला आयोग की तरफ से जिला प्रशासन को उन्हें पुलिस सुरक्षा देने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद अभी तक सुरक्षा नहीं दी गई है. इस वजह से कट्टरपंथी मुसलमानों के हौसले बुलंद हैं. उन्होंने बताया कि वह भाजपा समर्थित राष्ट्रवाद और देश हित की बात कर रही हैं और करती रहेंगी. फिर चाहे जो भी हो जाएं. उन्होंने कहा कि उन्हें या उनके परिवार को कुछ होता है तो उसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा.
रुबीना खानम पहले समाजवादी पार्टी में महिला सभा की महानगर अध्यक्ष रही थीं. लेकिन, सपा से इस्तीफा देने के बाद वह भाजपा के नजदीक चली गईं. दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में सपा महिला सभा के महानगर अध्यक्ष के पद पर रहते हुए रुबीना खान को अनुशासनहीनता में पद से हटा दिया गया था. उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद अगर मंदिर तोड़कर बनाई गई है तो इसे हिंदुओं को दे देनी चाहिए. हमारे किसी शासक ने बलपूर्वक मंदिर पर कब्जा कर मस्जिद बनाई थी तो हमें इसे छोड़ देना चाहिए. दूसरे धर्म की आस्था को कुचलकर मस्जिद बनाना इस्लाम के सिद्धांत का उल्लंघन है. रुबीना खानम का यह बयान सुर्खियों में था और इसके बाद सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम सिंह ने एक पत्र जारी कर रुबीना खान को अनुशासनहीनता में महानगर अध्यक्ष पद से पद मुक्त कर दिया था.