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गौशाला की फर्जी रिपोर्ट लगाकर अनुदान रोकने मामले में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सहित 7 पर केस

अलीगढ़ में कोर्ट के आदेश पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व बीडीओ सहित 7 अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है. इन पर आरोप है कि फर्जी रिपोर्ट लगाकर गौशाला का अनुदान रोका दिया.

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Published : Aug 7, 2023, 12:01 PM IST

गौशाला संचालक और वकील की मीडिया से बातचीत

अलीगढ़: अकराबाद थाना इलाके में स्थित एक गौशाला के संचालक की तहरीर पर अनुदान रोकने के मामले में कोर्ट के आदेश पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व बीडीओ सहित 7 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने का मामला सामने आया है. गौशाला संचालक का आरोप है कि इन सभी अधिकारियों द्वारा फर्जी रिपोर्ट लगाकर गौशाला का अनुदान रोका गया. इतना ही नहीं कार्रवाई से बचने के लिए अधिकारियों ने गौशाला जाकर पशुओं को पीट-पीटकर अपनी मौजूदगी में ट्रक में भरवाया, जिसका लाइव वीडियो भी मौजूद है. इस पूरे मामले को लेकर कोर्ट के आदेश पर 19 जुलाई 2023 को आईपीसी की धारा 406 के अंतर्गत 7 अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है.

बता दें कि पूरा मामला अलीगढ़ जिले के अकराबाद थाना इलाके के धर्मपुर गांव में स्थित एक गौशाला का है, जहां पर गौशाला संचालक स्वामी रामचंद्र ने गौशाला की फर्जी रिपोर्ट लगाकर अनुदान राशि रोकने के मामले में जिला मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सहित 7 अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है. इस मामले में गौशाला संचालक स्वामी रामचंद्र ने बताया कि रामतीर्थ मिशन गोरक्षा अभियान से पिछले 20 वर्षों से अपने सेल्फ बजट से गौ रक्षा का कार्य करते रहे हैं. इस दौरान उन्होंने गौशाला बनाई. इसमें 3 वर्तमान में गौशाला धरमपुर, मोहनपुर और कैमथल में बनी हुई है.

सरकार ने 2019 में उनको तीनों गौशालाओं में करीब 1 हजार गोवंश दिए. उसके लिए उन्होंने उनसे कहा कि हर तरह का विकास करवा कर देंगे. लेकिन, दिया इन्होंने केवल 30 रुपये प्रति गाय प्रतिदिन. उसमें भी 8-10 महीने बाद ही धर्मपुर गौशाला की झूठी रिपोर्ट लगाकर वहां का अनुदान बंद कर दिया. इसके लिए उनकी लगातार ढाई-तीन साल से कहासुनी चलती रही. 3 साल से ज्यादा होने को आ गए. लेकिन, 2019 में गोवंश दिया. मार्च 2020 में अनुदान बंद कर दिया. उसके बाद लगातार कहने के बावजूद इन्होंने अनुदान देना नहीं स्वीकार किया और कहा कि कानूनन दे नहीं सकते और प्राइवेट गौशाला को अनुदान नहीं दे सकते. इस पर गौशाला संचालक स्वामी रामचंद्र ने कहा कि हमसे पूरा 1 हजार गोवंश वापस ले लीजिए. हमने लाखों रुपए खर्च कर गौशाला को बनाया, जहां सरकार की फूटी कौड़ी नहीं लगी. इसके बाद न्याय के लिए कोर्ट में जाना पड़ा.

कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण इनके पास 5 जुलाई को कुछ अधिकारी पहुंचे थे. बीडीओ लियाकत अली जो वर्तमान में अकराबाद में बीडीओ हैं अधिकारियों को लीड कर रहे थे. इनके अलावा सीबीओ एनपी सिंह, जो इस समय इगलास में मौजूद हैं इनके साथ में करीब 15 से 20 लोग पहुंचे थे. इनके साथ में 5 गाड़ियां और एक ट्रक गया. वहां जाकर उन्होंने ट्रक में पशुओं को भरना शुरू किया. विरोध के बावजूद जिस तरीके से इन्होंने पशुओं को मार-मारकर भरा, इसका पूरा एविडेंस हमारे पास है. इनकी मौजूदगी में पशुओं का किस तरह से दुराचार करते हुए इन्होंने 12 पशुओं का अपहरण गौशाला से किया. इसके बाद पूरा मैटर डीआईजी साहब को बताया. डीआईजी साहब ने एसएसपी साहब को रेफर कर दिया. इनसे मिले तो उन्होंने डीएम साहब को रेफर कर दिया. इसके बाद एडीएम प्रशासन का फोन आया कि आपका क्या मैटर है. उनको बताया तो उन्होंने कहा कि कंप्रोमाइज कर लीजिए.

एडवोकेट सरदार मुकेश सैनी ने बताया कि धर्मपुर गौशाला की तरफ से आपके समक्ष पेश हुआ हूं. 30 रुपये प्रतिदिन चारा जो सरकार की ओर से मिलता है, उस चारे का अनुदान रोक लिया गया. कुछ समय दिया गया. उस संबंध में राकेश रामचंद्र द्वारा प्रशासन को पत्राचार किया गया. उस पत्राचार के उपरांत भी जब धनराशि नहीं मिली, तो हम लोगों ने प्रार्थना की. जब हम चारों ओर से निराश हो गए, तब मजबूरन कोर्ट में जाना पड़ा. इसमें कुमारी आरती ग्राम विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी धीरेंद्र कुमार, अकराबाद डॉक्टर प्रतिभा यादव, बीडीओ दीपक कुमार, पूर्व डॉक्टर व सीवीओ समेत 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. इन्होंने गबन, घोटाला और भ्रष्टाचार किया है.

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