अलीगढ़: अकराबाद थाना इलाके में स्थित एक गौशाला के संचालक की तहरीर पर अनुदान रोकने के मामले में कोर्ट के आदेश पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व बीडीओ सहित 7 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने का मामला सामने आया है. गौशाला संचालक का आरोप है कि इन सभी अधिकारियों द्वारा फर्जी रिपोर्ट लगाकर गौशाला का अनुदान रोका गया. इतना ही नहीं कार्रवाई से बचने के लिए अधिकारियों ने गौशाला जाकर पशुओं को पीट-पीटकर अपनी मौजूदगी में ट्रक में भरवाया, जिसका लाइव वीडियो भी मौजूद है. इस पूरे मामले को लेकर कोर्ट के आदेश पर 19 जुलाई 2023 को आईपीसी की धारा 406 के अंतर्गत 7 अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
बता दें कि पूरा मामला अलीगढ़ जिले के अकराबाद थाना इलाके के धर्मपुर गांव में स्थित एक गौशाला का है, जहां पर गौशाला संचालक स्वामी रामचंद्र ने गौशाला की फर्जी रिपोर्ट लगाकर अनुदान राशि रोकने के मामले में जिला मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सहित 7 अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है. इस मामले में गौशाला संचालक स्वामी रामचंद्र ने बताया कि रामतीर्थ मिशन गोरक्षा अभियान से पिछले 20 वर्षों से अपने सेल्फ बजट से गौ रक्षा का कार्य करते रहे हैं. इस दौरान उन्होंने गौशाला बनाई. इसमें 3 वर्तमान में गौशाला धरमपुर, मोहनपुर और कैमथल में बनी हुई है.
सरकार ने 2019 में उनको तीनों गौशालाओं में करीब 1 हजार गोवंश दिए. उसके लिए उन्होंने उनसे कहा कि हर तरह का विकास करवा कर देंगे. लेकिन, दिया इन्होंने केवल 30 रुपये प्रति गाय प्रतिदिन. उसमें भी 8-10 महीने बाद ही धर्मपुर गौशाला की झूठी रिपोर्ट लगाकर वहां का अनुदान बंद कर दिया. इसके लिए उनकी लगातार ढाई-तीन साल से कहासुनी चलती रही. 3 साल से ज्यादा होने को आ गए. लेकिन, 2019 में गोवंश दिया. मार्च 2020 में अनुदान बंद कर दिया. उसके बाद लगातार कहने के बावजूद इन्होंने अनुदान देना नहीं स्वीकार किया और कहा कि कानूनन दे नहीं सकते और प्राइवेट गौशाला को अनुदान नहीं दे सकते. इस पर गौशाला संचालक स्वामी रामचंद्र ने कहा कि हमसे पूरा 1 हजार गोवंश वापस ले लीजिए. हमने लाखों रुपए खर्च कर गौशाला को बनाया, जहां सरकार की फूटी कौड़ी नहीं लगी. इसके बाद न्याय के लिए कोर्ट में जाना पड़ा.