अलीगढ़:दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में खाने की व्यवस्था ठीक नहीं है. कोरोना मरीज ने इस बारे में बताया कि खाने की क्वालिटी अच्छी नहीं है. हालांकि जिला प्रशासन की तरफ से अच्छा खाना देने का दावा किया जाता है.
जिला प्रशासन के दावों की खुली पोल. कोरोना मरीज से जब आइसोलेशन वार्ड की हकीकत के बारे में पूछा गया तो उसने भोजन व्यवस्था की पोल खोल दी. कोरोना मरीज ने बताया कि सब्जी, दाल के साथ चार रोटी और जरा सी प्याज दी जाती है. नींबू, सलाद और फल नहीं दिया जाता है. वहीं दो दिन केवल दूध दिया गया, उसके बाद फिर दूध भी मरीजों को नहीं मिला.
पहले भी उठ चुके हैं सवाल
बता दें कि इससे पहले भी छेरत के क्वारन्टाइन सेंटर में भोजन की क्वालिटी को लेकर सवाल उठ चुके हैं. लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से अगले ही दिन भोजन की अच्छी थाली सजा कर सोशल मीडिया पर दिखा कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है. क्वारंटाइन सेंटर या फिर आइसोलेशन वार्ड से जब मरीज स्वस्थ होकर निकलता है तो उसका वीडियो वायरल किया जाता है, जिसमें वह अस्पताल की सुविधा का बखान करताहै.
पैरामेडिकल स्टाफ रखता है मरीजों का ध्यान
ऐसा नहीं है कि जिला अस्पताल में मरीजों का ध्यान नहीं रखा जाता है. पैरामेडिकल स्टाफ मरीजों को दवाइयां समय से उपलब्ध कराता है. बॉडी टेंपरेचर, बीपी और ऑक्सीजन लेवल मरीजों का समय पर चेक किया जाता है. अलीगढ़ में दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय, जेएन मेडिकल कॉलेज, राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज छेरत में आइसोलेशन वार्ड बनाये गये हैं, जहां कोविड-19 से संक्रमित मरीजों को रखा गया है.
हवा-हवाई साबित हुआ दावा
कोविड-19 की व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह की तरफ से समय-समय पर सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो डालकर सब कुछ अच्छा बताया जाता है. भोजन की भी अच्छी-अच्छी थाली सजा कर सोशल मीडिया पर वायरल की जाती है, लेकिन हकीकत में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. इससे पहले छेरत के क्वारंटाइन सेंटर में व्यापारी देवेंद्र कुमार की स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते मौत हो गई थी, जिसे लेकर जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने जांच बैठाई थी, लेकिन आज तक उस रिपोर्ट पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.
'स्वास्थ्य विभाग की दिखी लापरवाही'
भाजपा नेता संजय शर्मा इस पूरे मामले में बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग की कमियों के कारण देवेंद्र की मौत 18 जून को हो गई थी. उन्होंने बताया कि सरकार सभी सुविधाएं मुहैया कराती है, लेकिन देवेंद्र को बेड तक नसीब नहीं हुआ था. जिला प्रशासन सोशल मीडिया पर अच्छे-अच्छे फोटो डालकर पूरे सिस्टम को अच्छा बताने की कोशिश करता है, लेकिन हकीकत कुछ और होती है.
सोशल मीडिया पर अपलोड खाने की तस्वीर. ये भी पढ़ें:29 साल की महिला 19 साल के लड़के से करना चाहती है शादी, लड़का पहुंचा कोर्ट
अलीगढ़ में दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना मरीजों को दवाइयां तो मिल रही है, लेकिन उनको दिए जाने वाले खाने में कमियां जरूर हैं. यहां खाने की व्यवस्था ठीक नहीं है. अब देखना यह है कि आखिर कब जिला प्रशासन इस पर ध्यान देगा और मरीजों को बेहतर खाना मिल सकेगा. यानी कि बिल्कुल वैसा ही खाना, जैसा सोशल मीडिया पर दिखाया जाता है.