उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

इगलास विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी ने किया नामांकन

यूपी के अलीगढ़ की इगलास विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए शुक्रवार को कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी ने नामांकन किया. पूर्व में हुए चुनावों में इस सीट से भाजपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी. तब बसपा दूसरे नंबर पर रही थी. बता दें कि इतिहास में अब तक बसपा इस सीट पर केवल एक बार ही जीत हासिल कर पाई है.

कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी ने किया नामांकन

By

Published : Sep 27, 2019, 7:17 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 11:11 PM IST

अलीगढ़:जनपद में 77 इगलास (अ0जा0) विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी उमेश दिवाकर और बहुजन समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी अभय कुमार उर्फ बंटी ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन किया. 2017 के चुनावों में इस सीट पर भाजपा से राजवीर दिलेर ने जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव में राजवीर दिलेर के हाथरस लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी.

कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी ने किया नामांकन.

24 अक्टूबर को आएंगे नतीजे
इगलास (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र में जाट बाहुल्य होने के बावजूद 2002, 200, 2012 और 2017 के चुनावों में बसपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे हैं, वहीं 2004 के उपचुनाव में बसपा के मुकुल उपाध्याय ने चुनाव में जीत हासिल की थी. बता दें कि अब तक के चुनावों में बसपा इस सीट पर एक ही बार चुनाव जीत सकी है. इगलास विधानसभा सीट पर कुल मतदान केंद्र 345 हैं, जिसमें 458 मतदेय स्थलों पर पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,01,891 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,73,912 वहीं अन्य मतदाता 10 हैं. कुल मतदाताओं की संख्या 3,75,813 है, जो 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिसके बाद 24 अक्टूबर को इगलास विधानसभा का नया विधायक तय होगा.

इसे भी पढें:अलीगढ़: छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर AMU के छात्रों ने किया प्रदर्शन

क्या बोले बसपा प्रत्याशी
बसपा प्रत्याशी अभय कुमार बंटी ने बताया कि इगलास विधानसभा में बहुत समस्याएं हैं. बिजली और पानी की समस्या है. वहां पर किसानों की बहुत बड़ी समस्या आवारा पशु हैं. रात भर किसान बेचारे खेतों में रहते हैं. किसानों के सामने बहुत दिक्कतें हैं. उन सबकी समस्याओं को लेकर जनता के लिए कार्य करेंगे. भाजपा सरकार किसी समस्या का समाधान नहीं कर रही है. आज तक देखिए दिल्ली जैसे प्रदेश में बिजली यूनिट कितना कम है और यहां कितना ज्यादा है. बिजली की समस्या है. बेरोजगारी चरम सीमा पर है. रोजगार के सब साधन खत्म हो चुके हैं. आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है. हमारे युवा साथी घरों में बैठे हैं, उन्हें नौकरी नहीं मिल रही.

Last Updated : Sep 27, 2019, 11:11 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details