उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

हाथरस गैंगरेप: पीड़िता के साथ रेप हुआ या नहीं में उलझी हैं मेडिकल रिपोर्ट

यूपी के हाथरस में हुए गैंगरेप के मामले में रोजाना नई-नई बातें सामने आ रही हैं. अलीगढ़ लैब की एमएलसी रिपोर्ट वायरल होने के बाद ईटीवी भारत ने जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हमजा मलिक से बात की. उन्होंने बताया कि मेडिको लीगल केस (MLC) रिपोर्ट, यूपी पुलिस के उन दावों का खंडन करती है जिसमें कहा जा रहा है कि जांच में रेप के कोई सबूत नहीं मिले हैं.

पीड़िता के साथ रेप हुआ या नहीं में उलझी हैं मेडिकल रिपोर्ट
पीड़िता के साथ रेप हुआ या नहीं में उलझी हैं मेडिकल रिपोर्ट

By

Published : Oct 5, 2020, 2:54 PM IST

अलीगढ़: हाथरस गैंगरेप मामले में पीड़िता के साथ दुष्कर्म को लेकर अलग-अलग बातें सोशल मीडिया के द्वारा सामने आ रही हैं. इस मामले में एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा था कि पीड़िता के सैम्पल्स में शुक्राणु/वीर्य नहीं पाए गए, जिसके आधार पर साफ है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है. वहीं 22 सितंबर की एमएलसी रिपोर्ट को आधार बनाकर कुछ और ही दावे किए जा रहे हैं. ईटीवी भारत ने जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हमजा मलिक से बात की. उनका कहना है कि मेडिको लीगल केस रिपोर्ट में दुष्कर्म के संकेत मिले हैं और वैजाइनल पेनिट्रेशन होने की बात भी कही गई है. यह भी कहा गया है कि पेनिट्रेटिव इंटरकोर्स की पुष्टि फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट आने के बाद ही की जा सकती है. बता दें कि डॉक्टर हमजा मलिक इस मामले में सैंपल की जांच करने वाली मेडिकल टीम के सदस्य नहीं हैं.

अपनी राय देते डॉक्टर हमजा मलिक.

डॉक्टर हमजा मलिक ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ है कि पीड़िता का हाइमन क्षतिग्रस्त हुआ था बाद में उसका घाव भरा पाया गया है. इसके अलावा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में गुदा में भी घाव की बात कही गई है और वहां भी घाव भरने की बात है. डॉक्टर हमजा ने बताया कि घटना 14 सितंबर की थी और पोस्टमार्टम 29 सितंबर को हुआ, ऐसे में हाइमन के घाव को भरने के लिए 7 से 10 दिन काफी हैं.

डॉक्टर हमजा मलिक ने बताया कि 25 सितंबर को फॉरेंसिक साइंस लैब के लिए सैंपल लिए गए थे, जो घटना के 11 दिन बाद के हैं. जबकि सरकार की गाइडलाइन में फॉरेंसिक जांच के लिए सैंपल 96 घंटे के अंदर लेने की बात कही गई है. ऐसे में फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट में रेप के तथ्य पूरी तरह से सामने आ पाना मुश्किल है.

मेडिको लीगल केस (MLC) रिपोर्ट.

डॉ. हमजा मलिक ने बताया कि 22 सितंबर को मेडिको लीगल परीक्षण करने वाले डॉक्टर ने अपनी ओपिनियन में साफ कहा है कि पीड़िता के शरीर पर बल प्रयोग करने के निशान मिले हैं. पेनिट्रेटिव सेक्स की बात भी दिखाई दे रही है. इसकी पुष्टि के लिए फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट देखी जा सकती है. सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से जब एफएसएल जांच के लिए सैंपल तय समय से काफी दिन बाद लिए गए तो एमएलसी के परीक्षण और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आए संकेत को ही मानना होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details