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क्वारंटाइन सेंटरों का खर्चा ग्राम प्रधानों पर न डालें: कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी

यूपी के अलीगढ़ मंडल के कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए अस्थाई स्क्रीनिंग कैंप व आश्रय स्थलों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. उन्होंने बताया कि आश्रय स्थलों में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं पर आने वाला खर्च स्थानीय ग्राम प्रधानों पर छोड़ दिया गया है, जो उचित नहीं है.

कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी
कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी

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Published : Apr 13, 2020, 8:34 PM IST

अलीगढ़: कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए अस्थाई स्क्रीनिंग कैम्प व आश्रय स्थलों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. कमिश्नर ने अलीगढ़, एटा, कासगंज और हाथरस के जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि कोविड-19 की महामारी से उत्पन्न स्थिति को मद्देनजर रखते हुए नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारंटाइन कैम्पस का संचालन किया जा रहा है. शासन द्वारा अवगत कराया गया है कि कुछ जनपदों में नगरीय एवं ग्रामीण इलाकों के संचालित आश्रय स्थलों में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं पर आने वाला खर्च स्थानीय ग्राम प्रधानों पर छोड़ दिया गया है, जो कतई उचित नहीं है.

कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी

कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने चारों जनपदों के डीएम को निर्देशित किया है कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए बनाए गये आश्रय स्थलों के संचालन के लिए शासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में धन आवंटित किया गया है. उसके बाद भी यदि आश्रय स्थलों में मुहैया की जाने वाली बुनियादी सुविधाओं को ग्राम प्रधानों पर व्यय भार डालते हुए उन पर जिम्मेदारी सौंपी जा रही है तो ऐसा कदापि न किया जाए. उन्होंने सम्बंधित को निर्देशित किया है कि क्वारंटाइन आश्रय स्थलों के लिए शासन द्वारा आवंटित धनराशि का सदुपयोग करते हुए सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं.

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मण्डल के नगरीय एवं ग्रामीण एरिया में विद्यालय अथवा सार्वजनिक स्थानों में ऐसे आश्रय स्थल जो ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी पर संचालित किए जा रहे हैं. तत्काल उन्हें उस जिम्मेदारी से अवमुक्त करते हुए स्थानीय लेखपालों, ग्राम पंचायत अधिकारी को उन आश्रय स्थलों में शासन द्वारा आवंटित धनराशि से सुविधाएं मुहैया कराई जाए. इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि आश्रय स्थलों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था हो. ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित होने से बचा जा सके.

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