अलीगढ़: योजनाएं तो बहुत हैं, परन्तु इनके सही ढ़ंग से क्रियान्वयन से ही देश की दशा और दिशा तय होती है. यह बात योगी आदित्यनाथ ने पोषण माह की गति को बनाए रखने के लिए तृतीय राष्ट्रीय पोषण माह का डिजिटल तरीके से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारम्भ करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय विकास एजेण्डे में पोषण को केन्द्र में लाने के लिये पोषण अभियान की शुरूआत की गई. इसका लक्ष्य कम वजन के शिशु एवं एनीमिया की दर में कमी लाने के साथ ही 6 वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण सम्बन्धी स्थिति सुधारना है.
- पोषण अभियान कार्यक्रम न होकर एक जन आन्दोलन और भागीदारी है.
- इस अभियान में अन्तर्विभागीय समन्वय की अहम भूमिका है.
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम समेत बेसिक शिक्षा, पंचायतीराज, वन विभाग, उद्यान विभाग, स्वास्थ्य विभाग मिलकर अभियान को मूर्त रूप प्रदान करेंगे.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिये सरकार एड़ी से चोटी तक जोर लगा रही है. अभियान को सफल बनाने के लिये जन जागरूकता के साथ ही जन सहभागिता समेत सामुदायिक भागीदारी का होना आवश्यक है. पोषण माह का पहला उद्देश्य अति कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन और उनकी मानिटरिंग एवं दूसरा उद्देश्य किचन गार्डन को बढ़ावा देने के लिये पौधरोपण अभियान चलाना है.
जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने बताया कि जनपद में सेम श्रेणी में 1746 शिशु एवं मेम श्रेणी में 1863 बच्चों का चिह्नांकन किया गया है. जिले में अन्तर्विभागीय समन्वय बैठक आयोजित कर सभी अधिकारियों को उनके दायित्वों एवं जिम्मेदारियों के प्रति सचेत किया गया है. जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रेयश कुमार को निर्देशित किया गया है कि वह ब्लॉक स्तरीय बैठकें आयोजित कराते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से कुपोषित बच्चों, किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं का चिह्नांकन कर उन्हें सुपोषण की तरफ अग्रसर करें. इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य विकास अधिकारी अनुनय झा, सीएमओ, डीएचओ, बीएसए भी मौजूद रहे.