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Chandrayaan-3: AMU के पूर्व छात्रों का भी चंद्रयान-3 मिशन में अहम भूमिका, जानिए इनके बारे में

भारत के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलता पूर्वक लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 की इस सफल लैंडिंग में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रियांशु वार्ष्णेय का अहम योगदान है. उनका परिवार खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर
अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2023, 4:19 PM IST

Updated : Aug 24, 2023, 4:46 PM IST



अलीगढ़: चंद्रयान-3 मिशन के कामयाब होने पर पूरा देश सफलता में झूम रहा है. चंद्रयान-3 मिशन के रॉकेट निर्माण से लेकर टेस्टिंग करने में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 3 पूर्व छात्राओं का अहम योगदान रहा है. पूर्व छात्र प्रियांशु का लैंडर रोवर टीम में शामिल होने से उनके परिवार में खुशी का यह जश्न दोगुना हो गया है. चंद्रयान-3 की सफलता पर उन्होंने परिजनों को संदेश भी भेजा है कि वह जल्द ही अलीगढ़ आएंगे.

चंद्रयान-3 के वैज्ञानिक प्रियांशु वार्ष्णेय.
चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर टीम में शामिल प्रियांशु
बता दें कि चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को चंद्रमा की सतह के लिए उड़ान भरी थी. इसकी लॉन्चिंग से पहले विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 रॉकेट के पास असेंबल किए गए. इस कार्य को करने के लिए कई डिवीजन और एजेंसियों ने सहयोग किया. जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीटेक और इलेक्ट्रानिक्स से एमटेक करने वाले प्रियांशु भी शामिल थे. रॉकेट असेंबल का टेस्टिंग करने के साथ ही उन्हें श्री हरिकोटा को भेजा गया था. चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग से उनके परिजनों में खुशी है. शहर के जनकपुरी निवासी प्रियांशु के दादा प्रो. जीएल वार्ष्णेय प्रोफेसर रहे हैं. वहीं, उनके पिता डॉक्टर राजीव कुमार वार्ष्णेय शहर के एसवी कॉलेज में भूगोल विभाग में कार्यरत हैं. जबकि उनकी मां ममता गुप्ता सरकारी स्कूल में अध्यापिका हैं. उनके भाई राहुल इंजीनियर और बहन ने बीडीएस किया है. प्रियांशु ने एक साल पहले शादी की थी. उनकी पत्नी वैशाली एसेंचर कंपनी में इंजीनियर के पद पर तैनात हैं. मौजूदा समय में वह बेंगलुरु शहर में रहते हैं. चंद्रयान-3 मिशन में प्रियांशु के शामिल होने पर उनका परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है.



चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा रही एएमयू की पूर्व छात्रा
इसी तरह अलीगढ़ की सोनाली जैन ने वैज्ञानिकों की टीम के साथ 2 साल मेहनत कर अंजाम दिया. सोनाली ISRO के अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में वैज्ञानिक एसडी पद पर तैनात हैं. उन्होंने स्पेस के लैंडिंग की प्रोसेसिंग में सहयोगी रहे हैजर्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरे के सेंसर बनाने में सहयोग दिया. सोनाली ने भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीटेक किया है. इसके साथ एमटेक आईआईटी कानपुर से किया है. 2016 में ISRO में चयन होने के बाद वह चंद्रयान-2 मिशन में रडार इमेजिंग सैटेलाइट को लॉन्च करने वाली टीम का हिस्सा भी रही. इसी तरह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रा इशरत जमाल भी चंद्रयान मिशन का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था.

चंद्रयान मिशन में शामिल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा खुशबु मिर्जा.
एएमयू की पूर्व छात्रा चद्रयान मिशन से जुड़ी
चंद्रयान मिशन के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा खुशबु मिर्जा ने भी काम किया. खुशबू इन दिनों ISRO के दिल्ली स्थित रिमोट सेंसिंग में हैं. खुशबू चंद्रयान-1 चेक आउट टीम की लीडर रही थी. इस मिशन के माध्यम से ही चंद्रमा की सतह पर पानी होने के संकेत मिले थे. खुशबू अभी इसरो में ही काम कर रही हैं. वह चंद्रयान-2 मिशन का भी हिस्सा रह चुकी हैं. खुशबू ने 2006 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक कर गोल्ड मेडलिस्ट हासिल किया था.
Last Updated : Aug 24, 2023, 4:46 PM IST

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