अलीगढ़ः बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने कहा कि अगर राजा महेन्द्र प्रताप ने जमीन नहीं दी होती तो आज एएमयू ही नहीं होता. वहीं एएमयू प्रशासन द्वारा सम्मान नहीं दिए जाने पर सांसद ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय रहेगा, तो राजा महेन्द्र प्रताप को सम्मान देना पड़ेगा.
भाजपा सांसद सतीश गौतम ने एक बार फिर एएमयू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्थानीय सांसद ने कहा कि इन सभी चीजों के लिए एएमयू प्रशासन से वह मांग करेंगे. यह पहली बार नहीं है कि जब भाजपा सांसद ने राजा महेन्द्र प्रताप को लेकर एएमयू पर निशाना साधा हो. इससे पहले भी एएमयू में जिन्ना की तस्वीर को हटाने को लेकर एएमयू कुलपति को पत्र लिखने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.
राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर हॉस्टल और स्मारक भी बनेगा
एक कार्यक्रम में पूर्व महापौर शकुन्तला भारती ने कहा कि जब अयोध्या में मंदिर बनने जा रहा है, तो एएमयू में राजा महेन्द्र प्रताप के नाम से हॉस्टल और स्मारक भी बनेगा. इससे लोग उन्हें याद रखेंगे. एएमयू से राजा महेन्द्र प्रताप का गहरा नाता रहा है, लेकिन उनके योगदान को एएमयू प्रसाशन ने भुला दिया है. हांलाकि योगी सरकार अब राजा महेन्द्र प्रताप के नाम से अलीगढ़ में राजकीय विश्वविद्यालय बनाने जा रही है.
आजादी के आंदोलन में किया था संघर्ष
राजा महेन्द्र प्रताप ने सर सैय्यद अहमद खान द्वारा बनाये एमएओ कालेज से 12वीं तक पढ़ाई की थी. इसके बाद बीए में भी दाखिला लिया था. पिता राजा घनश्याम सिंह की मौत के कारण रियासत संभालनी पड़ी. इसके बाद देश को आजाद कराने के लिए वे आजादी के आंदोलन में कूद पड़े. वहीं एएमयू में सौ साला जलसा मनाये जाने पर राजा महेन्द्र प्रताप को 1977 में मुख्य अतिथि के रुप में बुलाया गया था. कैनेड़ी हाल में उस समय के कुलपति प्रोफेसर अली मोहम्मद खुसरो ने राजा महेन्द्र प्रताप को सम्मानित भी किया था.
एएमयू ने राजा के नाम पर विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा पर जताई खुशी
एएमयू के पीआरओ कार्यालय के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की खुशनसीबी है, कि राजा महेन्द्र प्रताप जैसे अजीम फ्रीडम फाइटर यहां पढ़े. सर सैय्यद के जमाने में एमएओ कालेज के स्टूडेंट रहे. राहत अबरार ने खुशी जाहिर की, कि एएमयू के स्टूडेंट के नाम से राज्य सरकार विश्वविद्यालय बनाने जा रही है. वहीं राहत अबरार ने राजा महेन्द्र प्रताप द्वारा विश्वविद्यालय को जमीन दिए जाने की बात को सिरे से नकार दिया, लेकिन लीज पर जमीन दिए जाने की बात स्वीकार करते हैं. राहत अबरार ने यह भी बताया कि राजा महेन्द्र प्रताप के पिता राजा घनश्याम सिंह ने कुछ जमीन दी थी.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने राजा महेन्द्र प्रताप के जन्मदिन पर उनके योगदान को भुला दिया, लेकिन अगर विश्वविद्यालय रहेगा, तो राजा महेन्द्र प्रताप का जन्मदिन मनाना पडे़गा.
-सतीश गौतम, सांसद अलीगढ़
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