अलीगढ़ःजनपद में तारिक हत्याकांड में भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय बुधवार को कोर्ट से बरी हो गए थे. गुरुवार को एटा जिला कारागार से रिहा होने के बाद भाजपा नेता का डेढ़ सौ अधिक उनके अज्ञात साथियों ने अलीगढ़ में स्वागत करने के लिए जुलूस निकाला था. इस पर धारा 144 के उल्लंघन में सभी लोगों पर पुलिस की ओर से थाना लोधा में मुकदमा दर्ज हुआ है. पुलिस सभी को तलाश कर रही है.
जानकारी के अनुसार गुरुवार की देर शाम भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय के समर्थकों ने एटा जेल से रिहा होने के बाद गाड़ियों के काफिला के साथ अलीगढ़ पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया. भाजपा नेता हत्या के आरोप में 848 दिन बाद जेल से रिहा हुए थे. इस दौरान जेल के बाहर नारियल फोड़कर उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया. इसके साथ ही अलीगढ़ के कई चौराहों पर पुष्प वर्षा कर जुलूस निकाला गया. देर शाम देहली गेट इलाके में भी खूब आतिशबाजी की गई.
मामले में एसपी सिटी कुलदीप सिंह ने बताया कि जनपद में धारा 144 लागू है. ऐसे में भीड़ एकत्रित करने पर भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय व उनके डेढ़ सौ से अधिक अज्ञात समर्थकों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. उनके समर्थकों ने जेल से रिहाई के बाद धारा 144 की जमकर धज्जियां उड़ाई हैं. जबकि शहर में बिना परमिशन के सैकड़ों की संख्या मे एकत्र होकर लोगों ने जुलूस निकाला. जिससे कई जगह जाम लग गया.
मौत बनी रहस्यः 23 फरवरी 2020 में जनपद में सीएए-एनआरसी के विरोध में हुए बवाल में मोहम्मद तारिक की गोली लगने से मौत हो गई थी. इस हत्या के मामले में तारिक का भाई शारिक, पिता मुनव्वर, भाभी सईदा और पत्नी ने मुकदमा दर्ज कराया था. इस हत्या में मुख्य आरोपी भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय को बनाया गया था. मामले में कोर्ट ने उन्हें बुधवार को दोषमुक्त कर दिया. अब सवाल उठता है कि आखिर मोहम्मद तारिक को किसने मारा.