अलीगढ़ःजिले के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने जीवित महिला की कोरोना से मौत दर्शा दी. महिला का नाम भी मुआवजे वाली सूची में चढ़ा दिया गया. इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ. जब जिले के कोरोना कंट्रोल रूम से मुआवजा देने हेतु कागजी कार्यवाही के लिए फोन किया गया. महिला व परिजनों का कहना है कि जब वह जीवित हैं तो मुआवजा क्यों ले.
वहीं, ज्ञानेश नाम के व्यक्ति का कहना है कि वह रफातगंज का निवासी है. उसके पिता सतीश चंद्र वार्ष्णेय की कोरोना पॉजिटिव होने पर दूसरी लहर के दौरान दीनदयाल अस्पताल में मृत्यु हुई थी. उनका दाह संस्कार भी कोरोना गाइडलाइंस के तहत कराया गया था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगा लगा कर थक गए. कोई भी सुनने वाला नहीं है. बताया कि जिले में 108 लोगों के नाम मुआवजा सूची में अंकित किए गए हैं जबकि मरने वालों की संख्या कुछ ज्यादा रही है.
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अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी इलाके के मेलरोज बाईपास निवासी शकुंतला देवी व बेटे हेमंत चौधरी ने बताया कि उनको पिछले कई दिनों से अलग-अलग नंबर द्वारा कॉल की जा रही है कि कोरोना की दूसरी लहर में शकुंतला देवी की मृत्यु हो चुकी है. आप लोग कागजी कार्रवाई हेतु स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय पर आ जाएं.