अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री अशफाक सैफी ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर बनने से अल्पसंख्यक समाज बहुत खुश है. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम हमारे पूर्वज हैं. उनका भव्य मंदिर बन रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए जो लोग कवायद कर रहे हैं, अगर वह लोग मस्जिद की नींव रखने के लिए प्रधानमंत्री को बुलाने की मांग करते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. क्योंकि, वह देश के प्रधानमंत्री हैं.
उन्होंने कहा कि मस्जिद के निर्माण में जुटे लोग अगर प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते हैं तो यह बहुत अच्छा है. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत विषय है. इसमें हम क्या कह सकते हैं. वहीं, बातों ही बातों में कहा कि मुझे भी मस्जिद की नींव रखने का न्यौता नहीं मिलेगा. अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के लिए विदेशी चंदा स्वीकार करने के सवाल पर कहा कि विदेशी चंदा अगर नियमानुसार देश के कानून के अंतर्गत कोई देता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है.
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को लेकर चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की शुक्रवार को सर्किट हाउस में समीक्षा करने पहुंचे थे. 2014 से पहले मदरसे तालीम देने के इदारे थे. लेकिन, 2014 के बाद जब केंद्र और प्रदेश में मोदी व योगी की सरकार बनी, उसके बाद केंद्र और प्रदेश सरकार ने सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास के नारे के साथ काम किया. मदरसों में होने वाली विदेशी फंडिंग को लेकर कराई जा रही जांच के मामले में कहा कि ये देश कानून से चलता है. अगर योगी सरकार द्वारा मदरसों में गलत तरीके से आ रही विदेशी फंडिंग की जांच कराई जा रही है तो इस जांच में कोई बुराई नहीं है.
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि उनकी केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण करते हुए आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर बनें. वहीं, उनकी सरकार से पहले मदरसों को लेकर लोग समझा करते थे कि एक बच्चा होगा, जो सिर पर टोपी लगाएं और ऊंचा पाजामा पहने हुए हिलता हुआ दिखाई देगा. लेकिन, उनकी सरकार बनने के बाद अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. मदरसों में तालीम हासिल करने वाले बच्चे अब पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद सहित प्रतियोगिताओं में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.