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एएमयू कुलपति के लिए तीन नामों पर बनी सहमति, अब राष्ट्रपति को करना होगा फैसला - एएमयू के नए कुलपति

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कुलपति (Aligarh Muslim University Vice Chancellor) के लिए तीन नामों को चुना गया है. यह नाम राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे. इसमें से एक नाम पर राष्ट्रपति अपनी सहमति देंगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2023, 5:00 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कुलपति पद के लिए एएमयू कोर्ट के चुनाव में कुलपति के लिए तीन नामों का चयन हुआ है. अब इन नामों को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. सोमवार को एएमयू के एनआरएससी क्लब में देशभर से एएमयू कोर्ट के सदस्यों ने शामिल होकर मतदान किया. एनआरसी क्लब में कोर्ट की बैठक में 89 में से 81 सदस्य आए थे.

कोर्ट सदस्यों में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी भी पहुंचे थे. चुनाव में कुलपति पद के लिए पांच नामों का पैनल बना था. इसमें से तीन नाम के चयन के लिए मतदान किया गया. दोपहर के बाद मतदान के जरिए तीन नाम का चयन किया गया. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया चल रही है. 30 अक्टूबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में 20 नाम से पांच नाम का चयन किया था. पांच नाम पर एएमयू कोर्ट के सदस्यों को चुनाव करना था. एएमयू कोर्ट चुनाव में कुलपति पद के तीन प्रत्याशियों का चयन किया गया.

अब इन तीन चुने गए नाम को विश्वविद्यालय के विजिटर राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. इस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक नाम पर मुहर लगाएंगी. उसके बाद विश्वविद्यालय का वाइस चांसलर घोषित कर दिया जाएगा. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एनआरएससी क्लब में सुबह कोर्ट के सदस्यों का आना शुरू हो गया था. वहीं, दोपहर बाद मतगणना की गई. एएमयू कुलपति के लिए तीन नामों का पैनल तैयार हो गया है. फाइनल नाम पर फैसला राष्ट्रपति करेंगी.

कोर्ट के सदस्यों ने जिन तीन नाम को सर्वाधिक वोट देकर चुनाव है. उसमें प्रोफेसर एम यू रब्बानी, प्रोफेसर फैजान मुस्तफा और प्रोफेसर नईमा गुलरेज शामिल हैं. प्रोफेसर एम यू रब्बानी को सर्वाधिक 61 वोट मिले हैं. वहीं, प्रोफेसर फैजान मुस्तफा को 53 वोट मिले, जबकि प्रोफेसर नइमा गुलरेज को 50. चौथे नंबर पर प्रोफेसर फुरकान कमर रहे. उन्हें 45 वोट मिले. पांचवें नंबर पर अब्दुल कयूम रहे. उन्हें 43 वोट मिले. कोर्ट सदस्यों द्वारा चुने गए तीन नामों में कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रोफेसर नइमा गुलरेज भी शामिल हैं. हालांकि, प्रो नईमा गुलरेज के नाम पर लोगों ने एतराज किया था और इसको लेकर के राष्ट्रपति को शिकायत भी भेजी है.

कोर्ट सदस्यों ने जो तीनों नाम चुने हैं, वह एएमयू से ही संबंध रखते हैं. सबसे अधिक वोट पाने वाले प्रोफेसर एम यू रब्बानी हार्ट विशेषज्ञ हैं. जेएन मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन रह चुके हैं. प्रोफेसर मोहम्मद उरूज रब्बानी विश्वविद्यालय से सेवानिवृत प्रोफेसर हैं. वह जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के हार्ट डिपार्टमेंट में कई सालों तक अध्यक्ष भी रहे. एएमयू कोर्ट के सदस्य रहने के साथ मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब की स्थापना भी प्रोफेसर रब्बानी ने की थी. सेवानिवृत्ति के समय वह मेडिकल कॉलेज के डीन पद पर भी आसीन थे.

दूसरे नंबर पर रहने वाले प्रोफेसर फैजान मुस्तफा भी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ा चुके हैं और यहां रजिस्ट्रार के पद पर रह चुके हैं. वे हैदराबाद लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति हैं. इससे पहले वे नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी उड़ीसा के संस्थापक भी थे. वर्तमान में प्रोफेसर फैजान मुस्तफा पटना के चाणक्य नेशनल लॉ विश्वविद्यालय में कुलपति हैं.

तीसरे नंबर पर कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रोफेसर नईमा गुलरेज रहीं. प्रोफेसर नईमा गुलरेज पिछले लंबे समय से एएमयू के अब्दुल्ला गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल पद पर आसीन हैं. उनके पति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज एएमयू के पीवीसी के साथ पिछले कुछ समय से कार्यवाहक कुलपति के तौर पर काम देख रहे हैं. प्रोफेसर नईमा गुलरेज उड़ीसा की रहने वाली हैं.

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