अलीगढ़:अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का समर्थन एएमयू के छात्र कर रहे हैं. कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर बधाई दी है. वहीं कुछ लोग इस्लामी शरिया सरकार की हिमायत करते नजर आ रहे हैं. हांलाकि सपा सांसद शफीकुर्र रहमान वर्क इसे तालिबानों की आजादी की लड़ाई कहते हुए हैरान करने वाला बयान सामने आया है. वहीं अलीगढ़ से भी अफगानिस्तान में तालिबान की ताजपोशी की बधाई सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
हांलाकि एएमयू में अन्याय के खिलाफ आवाज उठती रही हैं. चाहे फ्रांस में पैगम्बर साहब के कार्टून को लेकर, फिलीस्तीन को लेकर, इजराइल के खिलाफ आवाज उठी. सीरिया में बेगुनाहों की मौत पर प्रदर्शन किया गया. ईरान के सुप्रीम कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या पर एएमयू के छात्र सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करते हैं, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबानों के खूनी संघर्ष पर मौन रहे. न कोई प्रोटेस्ट किया गया और न ही सोशल मीडिया पर तालिबानों के खिलाफ कोई शब्द लिखे गए.
तालिबानों द्वारा हथियारों के जोर पर अफगानिस्तान में सत्ता काबिज करने पर बधाई संदेश देखने को मिल रहे हैं. सोशल मीडिया पर एक ग्रुप से जुड़े एएमयू के कुछ छात्रों ने तालिबान को बधाई दी है. हांलाकि अब यह बधाई संदेश वायरल हो रहे हैं. इसके खिलाफ विरोध के सुर भी उठने लगे हैं. छात्र आदेश चौधरी इसे देश का दुर्भाग्य बताते है. वह कहते हैं कि, जो देश आतंक के खिलाफ खड़ा है. उसके खिलाफ जाकर देश विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं. प्रशासन से इस तरह की गतिविधियों पर रोक और कार्रवाई करने की मांग की है. आदेश कहते है कि, एएमयू देश को नई दिशा देने का काम करता है, लेकिन यहां तालिबानी सोच के लोग पनप रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- अफगानिस्तान में फंसे बुलंदशहर के युवक ने प्रधानमंत्री से लगाई देश वापसी की गुहार
भारत सरकार ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी. इसे ताकत द्वारा बनाई गई सरकार बताया है. वहीं दूसरी तरफ देश के प्रसिद्ध केन्द्रीय विश्वविद्यालय में तालिबानों के समर्थन में आवाज उठ रही है. बधाई संदेश सोशल मीडिया पर दिए जा रहे हैं. अब देखने यह है कि एएमयू प्रशासन और जिला प्रशासन इस तरह की गतिविधियों से कैसे निपटता है.