अलीगढ़/सहारनपुर:कर्नाटक के उडुपी जिले के एक कॉलेज परिसर में हिजाब (Karnataka hijab case) पहनने वाली छात्राओं के प्रवेश न लेने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में सैकड़ों की संख्या में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं हिजाब मामले के विरोध में प्रोटेस्ट मार्च निकालने के लिए आज एएमयू सर्किल के डक पॉइंट पर इकट्ठा हुए, लेकिन एएमयू प्रशासन ने उनको अलीगढ़ में कल होने वाले मतदान और कोरोना का हवाला देते हुए प्रोटेस्ट निकालने की अनुमति नहीं दी. इस पर काफी संख्या में इकट्ठा हुए छात्र- छात्राओं ने नाराजगी जताई और आगामी 11 फरवरी को एक बड़ा प्रोटेस्ट करने की चेतावनी दी है.
बीते दिन उडुपी में कॉलेज परिसर में हिजाब पहनने वाली छात्राओं के प्रवेश न लेने के मामले को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा एक पोस्टर वायरल किया गया था, जिसमें हिजाब के खिलाफ आज छात्र-छात्राओं के द्वारा एक प्रोटेस्ट डक पॉइंट से लेकर बाबे सैयद गेट तक किया जाना था, लेकिन जैसे ही प्रोटेस्ट की सूचना अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशासन को हुई, उन्होंने प्रोटेस्ट की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया. हालांकि पूरे मामले पर छात्र नेता व छात्रों ने नाराजगी जताई है और एएमयू प्रशासन के खिलाफ प्रशासन व शासन के दबाव का कारण बताया है.
उनका कहना है कि एएमयू प्रशासन की नाकामी है और एएमयू प्रसाशन पर शासन का दवाब है, जिसके चलते उन्होंने परमिशन नहीं दी. उनका कहना है कि जब चुनावों में बड़ी राजनीतिक रैलियां की जा सकती हैं तो फिर एक प्रोटेस्ट के लिए अनुमति क्यों नहीं दी गई है. फिलहाल प्रोटेस्ट को स्थगित करते हुए छात्रों ने 11 या 12 फरवरी को एक बड़ा प्रोटेस्ट करने की बात कही है.
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वहीं सहारनपुर के देवबंदी उलेमाओं ने हिजाब पहनने वाली छात्राओं को लेकर जय श्रीराम का नारा लगाने पर नाराजगी जताई है. मुफ्ती अरशद कासमी ने एतराज जताते हुए कहा कि हिजाब पहनना व्यक्तिगत आजादी है. इस पर किसी तरह का बयान देकर देश का माहौल खराब करना चाहते हैं.