अलीगढ़: मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मंगलवार को कोतवाली से जामा मस्जिद तक मार्च निकाला. छात्रों ने मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताया और जमकर प्रदर्शन किया. इस मौके पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद सलमान इम्तियाज ने कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीकी इस्लाम धर्म के विद्वान के रूप में जाने जाते हैं. वो मुस्लिम समाज में सुधार के साथ ही अन्य धर्मों के व्यक्तियों को इस्लाम की जानकारी देते हैं.
जानकारी देते एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष सलमान इम्तियाज उन्होंने कहा कि इस्लाम का प्रचार करना और लोगों को अल्लाह के संदेशों से वाकिफ कराना मुसलमान का धार्मिक कर्तव्य है. भारत के संविधान के अनुसार देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी धार्मिक आस्था के मुताबिक दूसरों को अपने धर्म से जानकारी देने की आजादी है. उन्होंने कहा कि कुरान के मुताबिक आस्था और धर्म के मामले में किसी पर कोई जबरदस्ती नहीं की जा सकती. इसलिए इस्लाम के प्रचारक धन और लालच से इस्लाम कुबूल नहीं कराते. उन्होंने कहा किसी भी धर्म को अपनाना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है.
प्रदर्शन करते अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत की राजनीति को बढ़ावा मिल रहा है. देश में मुसलमानों का उत्पीड़न बढ़ गया है. इस्लाम के अनुयायियों के खिलाफ दुष्प्रचार भी खुलेआम किया जा रहा है. इस मामले में केंद्र व राज्य की सरकार की तरफ से कोई रोकथाम की कोशिश नहीं की जा रही है.
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सलमान इम्तियाज ने कहा कि यह स्थिति सांप्रदायिक एकता, राष्ट्रीय अखंडता और शांतिपूर्ण माहौल के लिए खतरनाक है. इस तरह की शक्तियों पर अंकुश लगना चाहिए. सलमान ने कहा कि चुनाव सिर पर हैं. सरकार के पास विकास की कोई पॉलिसी नहीं है. हिन्दू- मुस्लिम के नाम पर लोगों को बांटकर बीजेपी दोबारा चुनाव जीतना चाहती है. इस दौरान राष्ट्रपति महोदय को संबोधित एक ज्ञापन एसीएम को सौंपा गया. इसमें मौलाना कलीम सिद्दीकी, उमर गौतम, मुफ्ती कासिमी पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने और सभी को रिहा करने की मांग की गयी.