अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए शुक्रवार का दिन अच्छा नहीं रहा. सन् 2020 के लिए भारतीय शिक्षण संस्थानों की जारी की गई नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में विश्वविद्यालय को 31वां स्थान मिला है. वहीं बीएचयू ने तीसरा स्थान हासिल किया है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन इस रैंकिंग से परेशान और हैरान है. हालांकि कई पैरामीटर पर विश्वविद्यालय ने सुधार किया है. एएमयू जनसंपर्क विभाग ने जारी की गई प्रेस रिलीज में गलत आंकड़ों का इस्तेमाल करने की बात कही है. जनसंपर्क विभाग इसको लेकर एचआरडी मिनिस्ट्री के सामने अपना पक्ष रखेगा.
NIRF 2020 रैकिंग: एएमयू को लगा झटका, 31वें स्थान पर
नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्ग (NIRF) की तरफ से जारी भारतीय शिक्षण संस्थानों की रैकिंग में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को 31वां स्थान मिला है. इस रैंकिंग पर अंसतोष जाहिर करते हुए एएमयू जनसंपर्क विभाग ने कहा कि NIRF की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में गलत आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है, जिसे लेकर वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने अपना पक्ष रखेगा.
एएमयू रैंकिंग कमेटी के अध्यक्ष प्रो. सालिम बेग ने कहा कि एएमयू में वर्तमान रूप से 2911 पूर्णकालिक शोधार्थी हैं, जबकि एनआईआरएफ के अध्ययन में यह संख्या केवल 33 दिखाई गई है. प्रो. बेग ने बताया कि एएमयू ने NIRF द्वारा निर्धारित पांच मापदंडों में से चार में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन ग्रेजुएशन आउटकम मापदंड पर एएमयू के प्वाइंट कम हो गए हैं. एनआईआरएफ ने एएमयू में गत शिक्षा-सत्र में पीएचडी पूर्ण करने वाले शोधार्थियों की संख्या गलत दर्ज की है, जिसके कारण एएमयू का कुल स्कोर कम रह गया और इसकी रैंकिंग प्रभावित हुई.
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर गत तीन शिक्षा सत्रों में शोधार्थियों की जो संख्या प्रकाशित की है, वह 2016-17 में 387, 2017-18 में 312 तथा 2018-19 में 363 है. जबकि एनआईआरएफ द्वारा प्रकाशित डाटा के अनुसार यह संख्या 2016-17 में 8, 2017-18 में 10 तथा 2018-19 में 8 है. प्रोफेसर बेग ने कहा कि इस त्रुटि को शीघ्र सही किया जाना चाहिए. एएमयू इस सम्बन्ध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय व एनआईआरएफ के समक्ष अपना पक्ष रखेगा.