अलीगढ़: अलीगढ़ का भोपाल से बड़ा करीबी संबंध है. एएमयू की आधार शिला रखने वाले सर सैय्यद अहमद खान मॉर्डन एजुकेशन के लिए राजा और रियासतों से मदद लिया करते थे. उस समय हैदराबाद, रामपुर और भोपाल आदि रियासत से चंदा लेकर एएमयू की नींव रखी थी. भोपाल रियासत की बेगम सुल्तान जहां ने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये एएमयू में मदद की थी. उन्होंने मुस्लिम एजुकेशन के लिये बिल्डिंग बनवाई. एएमयू में साइंस को बढ़ावा देने के लिए लैब बनवाई. सन् 1920 में विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने पर वायसराए ने बेगम सुल्तान जहां को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पहला चांसलर बनाया था. बेगम सुल्तान जहां के पुत्र हमीदुल्लाह ने भी एएमयू से शिक्षा अर्जित की थी. जिसके बाद हमीदुल्लाह ने भी एएमयू की तरक्की के लिये कई बिल्डिगें बनवाई.
हमीदुल्ला भोपाल को बनाना चाहते थे इंडीपेंडेंट स्टेट
एएमयू में तालीम की तरक्की में भोपाल रियासत का बड़ा योगदान रहा. उस समय भोपाल रियासत हमीदुल्ला संभाल रहे थे. बेगम सुल्तान जहां के बाद हमीदुल्ला भी एएमयू के दूसरे चांसलर भी बने. देश की आजादी के समय हमीदुल्ला भोपाल को इंडीपेंडेंट स्टेट बनाना चाहते थे. उनकी लार्ड माउंट बेटन ने गहरी दोस्ती थी. वह काउंसिल ऑफ प्रिंसेस के अध्यक्ष भी थे, लेकिन सरदार बल्लभ भाई पटेल के सामने नवाब हमीदुल्ला की एक नहीं चली. जिसके बाद एक जून 1949 को भोपाल रियासत का विलय कर दिया गया. बता दें कि एक्टर सैफ अली खान के नाना भी इसी रियासत से ताल्लुक रखते हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भोपाल रियासत द्वारा खड़ी की गई इमारत आज भी है. जो उनके योगदान को दर्शाती है. आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में सर सैय्यद अहमद खान ने जो नींव रखी थी, उसकी आधार शिला को भोपाल की बेगम सुल्तान जहां ने मजबूती दी थी. बेगम सुल्तान जहां ने समाज सुधारक का काम करते हुए कई महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थानों की स्थापना भी की. उन्होंने 1918 में मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा की स्थापना की. उन्होंने कई तकनीकी संस्थानों और स्कूलों का निर्माण भी कराया. वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की संस्थापक चांसलर और एएमयू की पहली महिला चांसलर भी बनी थी. उनके पुत्र नवाब हमीदुल्लाह 1930 से लेकर 1947 तक एएमयू के कुलाधिपति भी रहे. नवाब हमीदुल्लाह, नेहरू, जिन्ना के करीबी थे. उनके वायसराय से भी बहुत अच्छे संबंध थे. वह भोपाल रियासत के अंतिम नवाब थे. पढ़े लिखे होने के साथ में नवाब हमीदुल्लाह रियासत का कुशल संचालन करते थे.