अलीगढ़ःएएमयू(अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) के बॉयज पॉलिटेक्निक शिक्षक को दिव्यांगों के लिए डिजाइन किए गए उनके विशेष साइकिल का पेटेंट मिला है. एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली ने दिव्यांगों के लिए एक विशेष साइकिल बनायी हैं. इसके लिए भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने उन्हें पेटेंट नंबर 441899 दे दिया है. शमशाद अली ने कहा कि इस आविष्कार में साइकिल में एक अटैचमेंट किया गया है, जिसमें साइकिल को पीछे खींचने के लिए पहिये लगे हैं. इससे जब साइकिल स्थिर होगी या धीरे-धीरे चल रही होगी तो वह सीधी रहेगी और उस पर किसी अन्य व्यक्ति की सहायता बिना भी बैठा जा सकता है.
शमशाद अली ने बताया कि इससे दिव्यांगों और बुजुर्ग लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. क्योंकि, वे बिना सहयोग के इस साइकिल पर संतुलन बनाने में सक्षम होंगे. यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल प्रोफेसर अरशद उमर ने शमशाद अली को उनके आविष्कार के लिए उन्हें आठवां पेटेंट प्राप्त करने पर बधाई दी.
अपने आविष्कार के बारे में शमशाद अली ने कहा, 'जब साइकिल अपनी सामान्य गति प्राप्त कर लेती है, तो सहायक पहियों को कंपाउंड लीवर हैंडल की मदद से बहुत कम प्रयास और घर्षण हानि के साथ जमीन से ऊपर उठाया जा सकता है. उन्हें कम करने के लिए लॉक किया जा सकता है. ब्रेक लगाकर साइकिल को रोका या धीमा किया जाता है, तो साइकिल को सीधी स्थिति में रखने के लिए सहायक पहिये स्वचालित रूप से पीछे हट जाते है. इससे चालक को गिरने और घायल होने से बचाया जा सकेगा.'