अलीगढ़ः जिल के गौशालाओं हालात बेहद बुरी है. गौशालाओं में आवारा निराश्रित गोवंश को रखवाया गया. शुरुआत में गोवंश के भरण-पोषण के लिए खुराक मिलती रही. लेकिन, बाद में इसे बंद कर दिया. बीते 3 साल से स्वामी रामतीर्थ गौधाम में करीब एक हजार आवारा निराश्रित गोवंश बेहाल हैं. उनके खाने के लिए लाले पड़े हैं. अधिकारी भी सुनने को तैयार नहीं है. गौशाला प्रबंधक का आरोप है कि उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए. 30 रुपये प्रतिदिन/प्रति गाय की देर सवेर भरण-पोषण अनुदान मिलता रहा. लेकिन, केपी वार्ष्णेय के सीवीओ पद से रिटायर होते ही अनुदान बंद कर दिया गया.
स्वामी रामतीर्थ गौधाम के संचालक राकेश कुमार बताते हैं कि 3 वर्षों से भरण-पोषण की राशि नहीं मिली है. वो गौशाला को बंद करने के लिए विवश हैं. जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री पोर्टल पर अनेकों बार शिकायत दर्ज करवाई गई. लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हो रही है. गौशाला कर्ज में डूबी है. इसलिए स्वामी रामतीर्थ गौधाम के संचालक ने करीब एक हजार गौवंश को वापस लेने की प्रार्थना मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से की है. राकेश कुमार ने बताया कि वह गुरुवार को भी मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय पहुंचे. लेकिन, घंटों इंतजार करने के बाद सीडीओ आकांक्षा राणा उनसे नहीं मिली.
राकेश कुमार ने बताया कि करीब एक हजार गोवंश हमारे स्वामी रामतीर्थ गोदाम में पल रही हैं. लेकिन प्रशासन का रवैया बहुत खराब है. राकेश कुमार ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि जब उन्हें 20 प्रतिशत कमीशन नहीं मिला, तो वो हमारा रिकॉर्ड खराब कर रहे हैं और अनुदान 3 साल पहले बंद कर दिया गया. हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर है, हमें गोवंश को खुराक देनी होता है और वहां काम करने वाले लोगों को भी तनख्वाह देनी होता है. इतना बड़ा खर्च गौशाला वहन नहीं कर सकती.