अलीगढ़: जिले मेंअलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शनिवार शाम को ऑल इंडिया मुशायरा, वर्टेक्स नामक कंपनी और एएमयू एल्यूमिनी अफेयर्स कमेटी के सौजन्य से करवाया जा रहा मुशायरा रद्द कर दिया गया. इसमें मुख्य अतिथि कार्यकारी कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज थे. छात्रों के भारी विरोध के चलते कैनेडी ऑडीटोरियम में मुशायरा रद्द करना पड़ा. एएमयू में पिछले डेढ़ साल से कुलपति की नियुक्ति नहीं हुई है. इसको लेकर छात्रों में काफी आक्रोश है और छात्र रेगुलर कुलपति की नियुक्ति चाहते हैं. इसके अलावा छात्रसंघ की बहाली का न होना और पूर्व कुलपति का रातों-रात बिना अगले कुलपति का इलेक्शन कराए भाग जाना और कार्यकारी कुलपति का कुलपति की पोस्ट पर बैठने के बाद अभी तक नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया चालू न करना छात्रों की नाराजगी की मुख्य वजह है. वहीं, छात्र नेता फरहान जुबैरी की गिरफ्तारी को लेकर भी छात्रों में रोष है.
कार्यकारी कुलपति से छात्र नाराज:17 सितंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी टीचर संघ और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पूर्व पोस्ट होल्डर, नॉन टीचिंग और स्टूडेंट का जॉइंट जलसा टीचिंग स्टाफ क्लब में हुआ था. उस जलसे ने भी आग में घी डालने का काम किया. खासकर उस जलसे के बाद जब सीनियर छात्र कार्यकारी कुलपति से मिलने गए तो कार्यकारी कुलपति ने छात्रों से मिलने से मना कर दिया, जिससे छात्रों में नाराजगी है.
कार्यकारी कुलपति जिम्मेदारी से मुंहमोड़ रहे:इस बीच मुशायरे की खबर का आना छात्रों के जख्मों पर नमक के लगने जैसा हो गया. छात्र इससे भड़क उठे. विश्वविद्यालय में जो चीज जरूरी हैं, जैसे कि नए कुलपति का चयन, छात्र संघ का चुनाव, कोविड की वजह से सेशन देर से चल रहा है, उसे वक्त पर नहीं किया जा रहा है और अन्य कई काम न करना. इन हालात में यूनिवर्सिटी में मुशायरा का होना और उसमें चीफ गेस्ट कार्यकारी कुलपति का होना, जो अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते हुए नजर आ रहे हैं. क्योंकि, कार्यकारी कुलपति की सबसे पहले और सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया को कम से कम वक्त में और जल्दी से जल्दी पूरा करवाना, जो अभी तक शुरू भी नहीं हुई है.
छात्रों ने मुशायरे का किया बायकॉट:छात्रों का कहना था कि इस हालात में यूनिवर्सिटी में मुशायरा नहीं सुनेंगे और न होने देंगे. जब तक यूनिवर्सिटी का कामकाज सुचारू रूप से नहीं चलता. इसीलिए छात्रों ने 22 सितंबर की शाम को लाइब्रेरी कैंटीन पर जनरल बॉडी मीटिंग करके पूर्ण सहमति से फैसला किया था कि इस मुशायरा का टोटल बायकॉट किया जाएगा. यूनिवर्सिटी इंतजामिया की तरफ से भी पूरी कोशिश की जा रही थी कि यह मुशायरा किसी भी हालत में होना चाहिए. एएमयू परिसर में यह भी अफवाहें थी कि एएमयू इंतजामिया पुलिस बल का प्रयोग कर मुशायरा करवा सकता है. लेकिन, इन तमाम अफवाहों के चलने के बावजूद छात्रों का मनोबल नहीं टूटा और वह बायकॉट के अपने फैसले पर अडिग रहे.
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शायरों से मुशायरे में शामिल नहीं होने की गुजारिश:छात्रों ने शनिवार को यूनिवर्सिटी के न्यू गेस्ट हाउस जाकर शायरों से मुलाकात करके अपील की कि आप की हम इज्जत करते हैं. लेकिन, इस वक्त मुशायरा की इजाजत नहीं दे सकते. छात्रों ने शायरों से एएमयू में होने वाले मुशायरा में शामिल नहीं होने की गुजारिश भी की.