अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. तारिक आफताब ने जर्मनी के अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर एक नए प्रोटीन की पहचान की है. इसका नाम एचवीएचओआरसीएच (HVHORCH) रखा है. जो फसली पौधों में नमक के प्रति सहनशीलता में सुधार करके लवणता वाली कृषि भूमि को खेती के योग्य बनाएगा.
लाइबनिज इंस्टीट्यूट आफ प्लांट जेनेटिक्स एंड क्राप प्लांट रिसर्च, गैटर्सलेबेन, जर्मनी में विजिटिंग साइंटिस्ट के रूप में शोध कार्य के दौरान डा. आफताब और उनके सहयोगियों द्वारा कई वर्षों के अध्ययन और परीक्षणों के बाद यह रिपोर्ट इंटरनेशनल जर्नल आफ मालिक्यूलर साइंसेज में प्रकाशित हुई है. डा. आफताब ने बताया कि यह प्रोटीन जौ के पौधों में लवणता के प्रति सहिष्णुता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा कि इस प्रोटीन की पहचान से तनाव प्रतिरोधी फसली पौधों के विकास में नए आयाम खुलेंगे. प्रो. तारिक अफताब ने बताया कि मिट्टी में बहुत से हानिकारक तत्व भी होते हैं, जो पौधे को नुकसान पहुंचाते है. यह प्रोटीन हानिकारक प्रभाव को कम करते हैं.