अलीगढ़: एएमयू में कार्यवाहक कुलपति को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज को चार्ज मिले करीब 6 माह हो चुके हैं, लेकिन एएमयू में नए कुलपति के सिलेक्शन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. एग्जीक्यूटिव काउंसिल और यूनिवर्सिटी कोर्ट की ज्यादातर सीटें अभी भी खाली पड़ी हैं. वहीं कार्यवाहक कुलपति ने विश्वविद्यालय में परमानेंट अपॉइंटमेंट करने के लिए सिलेक्शन कमेटी का नोटिस निकाला है. जिस पर एएमयू के लोग भड़क गए हैं. लोगों का कहना है कि सिलेक्शन कमेटी पूर्ण रूप से असंवैधानिक और गैरकानूनी है. इसे लेकर एएमयू छात्रों ने देर रात जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई और कार्यवाहक कुलपति के साथ राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन प्रॉक्टर को सौंपा है. जिसमें मांग की गई है कि गैर कानूनी तरीके से होने वाली अपॉइंटमेंट के सेलेक्शन कमेटी को रोका जाए.
अप्वाइंटमेंट करने को लेकर कार्यवाहक कुलपति से सवाल
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति द्वारा अप्वाइंटमेंट करने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है. इसे गैर संवैधानिक कार्य बताया जा रहा है. इससे एएमयू के लोग भी भड़के हुए हैं. कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने विश्वविद्यालय में परमानेंट अपॉइंटमेंट करने के लिए सलेक्शन कमेटी का नोटिस निकाल दिया है. जिस पर सवाल उठ रहे हैं. सबका कहना है कि यह सिलेक्शन कमेटी पूर्ण रूप से असंवैधानिक और गैरकानूनी है. बता दें कि, 9 अक्टूबर 2014 को एचआरडी मिनिस्ट्री की तरफ से एक लेटर विश्वविद्यालय को आया था. जिसमें यह कहा गया था कि कार्यवाहक कुलपति यूनिवर्सिटी के रूल को नहीं बदल सकता, न ही नए ऑर्डिनेंस ला सकता है, न ही उनमें कोई बदलाव कर सकता है और इसके साथ-साथ टीचिंग और नॉन टीचिंग के परमानेंट अपॉइंटमेंट भी नहीं कर सकता है. इसके अलावा न ही कोई नई पोस्ट लागू कर सकता है. इस पत्र को 22 मई 2015 में होने वाली एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में सहमति मिलने के बाद पारित किया गया और पारित करके यूनिवर्सिटी की सबसे बड़ी गवर्निंग बॉडी यूनिवर्सिटी कोर्ट को भेज दिया गया. उसके बाद यूनिवर्सिटी कोर्ट की 10 सितंबर 2016 में होने वाली स्पेशल मीटिंग के अंदर इस पत्र को सर्व सहमति से पारित कर दिया गया. इसके बाद यह पत्र यूनिवर्सिटी एक्ट के स्टेट्यूट्स 2(7) में ऐड होकर एएमयू एक्ट का हिस्सा बन गया, जो आज तक लागू है और इस पत्र के हिसाब से कार्यवाहक कुलपति को परमानेंट अपॉइंटमेंट करने की पावर आज भी नहीं है.
परमानेंट अपॉइंटमेंट करने की पावर कार्यवाहक कुलपति को नहीं
कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने कुलपति कार्यालय का काम काज संभालने के कुछ दिन बाद ही एचआरडी मिनिस्ट्री को पत्र लिखकर परमानेंट अपॉइंटमेंट करने की इजाजत मांगी थी. जिसके जवाब में 28 अगस्त को पत्र भेजकर उनको यह पावर दी गई. लेकिन यहां गौर करने की बात यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मिनिस्ट्री के पत्र को सीधे तौर पर स्वीकृत करके लागू नहीं किया जा सकता. जब तक वह यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल और कोर्ट से पारित होकर एक्ट का हिस्सा न बन जायें. इसलिए इस पत्र के आ जाने के बाद भी परमानेंट अपॉइंटमेंट करने की कार्यवाहक कुलपति को कोई पावर नहीं है.
कार्यवाहक कुलपति कर रहे उल्लंघन
इस पूरे प्रकरण को छात्रों ने पूर्ण रूप से एएमयू एक्ट का उल्लंघन कहा है. छात्र एएमयू एक्ट बचाने की तैयारी शुरू करने की बात करने लगे हैं और इसके लिए बुधवार की दोपहर एक बजे छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल कार्यकारी कुलपति से मिलने उनके दफ्तर पहुंचा. जिस पर प्रॉक्टर भी वहां पहुंचे और उन्होंने बताया कि कुलपति अलीगढ़ से बाहर कुछ देर पहले ही चले गए हैं. इसलिए मिल नहीं पाएंगे.