अलीगढ़:आगामी 17 अक्टूबर को लंदन विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई इतिहास के प्रोफेसर डा. फ्रांसिस क्रिस्टोफर रोलैंड राबिन्सन और प्रख्यात भारतीय आलोचक प्रोफेसर गोपी चंद नारंग को 2021 का राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार दिया जाएगा. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने प्रोफेसर असगर अब्बास, प्रोफेसर इश्तियाक अहमद जिल्ली, प्रोफेसर एआर किदवई, प्रोफेसर अली मुहम्मद नकवी, डा. मुहम्मद शाहिद, तारिक हसन और प्रो. एम.शाफे किदवई पर आधारित ज्यूरी की शिफारिश पर दोनों नामों का चयन किया है.
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार क्रमशः 2 लाख और 1 लाख रुपये की नकद राशि के साथ ऐसे प्रख्यात विद्वानों को प्रदान किये जाते हैं. जिन्होंने सर सैयद अध्ययन, साउथ एशियन स्टडीज, मुस्लिम मुद्दों, साहित्य, दक्षिण एशिया के इस्लामी इतिहास, सामाजिक सुधार, साम्प्रदायिक सौहार्द, पत्रिकारिता और अर्न्तधार्मिक संवाद के क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किये हैं.
इंटरनेशनल सर सैयद एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त करने वाले प्रोफेसर फ्रांसिस क्रिस्टोफर रोलैंड राबिन्सन ने मुस्लिम दुनिया पर अपना शोध केंद्रित किया है और ‘द उलेमा आफ फरंगी महल एण्ड इस्लामिक कल्चर इन साउथ एशिया’ (नई दिल्लीः परमानेंट ब्लैक- 2001, लंदनः हर्स्ट-2002, लाहौरः फ़िरोज़संस-2002 और जमाल मियां- द लाइफ़ आफ़ जमालुद्दीन अब्दुल वहाब आफ़ फरंगी महल 1919-2012 सहित 14 महत्वपूर्ण रचनाएं लिखी हैं. इस्लामिक दुनिया पर उनकी रचनाओं में एटलस आफ़ द इस्लामिक वर्ल्ड सिन्स 1500 (1982), इस्लाम एंड मुस्लिम हिस्ट्री इन साउथ एशिया (2000), द मुगल एम्परर्स (2007) और इस्लाम, साउथ एशिया एंड द वेस्ट (2007) शामिल हैं. उन्होंने दक्षिण एशिया के इस्लामी इतिहास पर विशेष रूप से उलेमा और सूफियों की भूमिका पर व्यापक शोध किया है. उन्होंने अठारहवीं शताब्दी के बाद से मुस्लिम दुनिया के सुधार आंदोलनों, पश्चिमी वर्चस्व पर मुस्लिम प्रतिक्रिया, अनुकूलन की प्रवृत्ति और आधुनिकता के विभिन्न रूपों पर व्यापक शोध किया है. प्रोफेसर फ्रांसिस आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और वाशिंगटन विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर हैं.
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