अलीगढ़:भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव की वजह से देशभर में रोष है. वहीं व्यापारी वर्ग चाइना से आयात होने वाले सामानों के पाबंदी के पक्ष में है. देश के कुल आयात का चाइना से हुआ आयात करीब 14 प्रतिशत है. तालों के निर्माण के लिए मशहूर अलीगढ़ का कारोबारी वर्ग चीन को सबक सिखाने के लिए चीनी सामान का बहिष्कार करने और आत्मनिर्भर बनने को तैयार है. हालांकि कुछ व्यापारी वर्ग ने लोगों से देश में चीनी सामानों का बहिष्कार न करने की अपील की है, क्योंकि उसमें अपने ही देश के व्यापारियों का नुकसान है.
अलीगढ़: ताला कारोबारियों ने रखी मांग, तत्काल न बहिष्कार करें चीनी सामान
ताला निर्माण के लिए मशहूर अलीगढ़ के व्यापारियों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने और आत्मनिर्भर बनने का निर्णय लिया है. हालांकि कुछ व्यापारियों का कहना है कि अगर चाइना से सामान का आयात तत्काल बंद हो जाएगा तो इसका उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा.
चाइनीज सामान के आयात को तुरंत बंद करने से होगा नुकसान
अलीगढ़ लॉक्स एवं हार्डवेयर निर्माता एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन खंडेलवाल ने बताया कि ताला और हार्डवेयर उद्योग को लेकर हम चाइना पर निर्भर थे, लेकिन प्रधानमंत्री के आह्वान पर हमने चाइना से आने वाले सामान का बहिष्कार करने और और आत्मनिर्भर बनने का निर्णय लिया है. हार्डवेयर उद्योग में बहुत सा सामान चाइना से आयात होता है. अगर चाइना से सामान का आयात तुरंत बंद हो जाएगा तो इसका उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा. इस वजह से हम सम्मिलित प्रयासों से कुछ समय में आयातित सामानों का देश में ही निर्माण करेंगे.
बड़े स्तर पर उत्पादन करें तो लागत कम आएगी
पवन खंडेलवाल ने बताया कि चाइना से हम केमिकल, फैब्रिक्स, होम अप्लाइंसेस, रॉ मैटेरियल आदि सामान मंगाते हैं. व्यापारी वर्ग के प्रयासों से बहुत सा सामान अगर इंडिया में बनना शुरू हो जाएगा तो हमें चाइना की तरफ नहीं देखना पड़ेगा. इन सामानों का यदि देश में बड़े स्तर पर उत्पादन हो तो लागत भी कम आएगी. वहीं सामानों का तुरंत बहिष्कार करने के मामले पर उन्होंने कहा कि चाइना से आयातित सामानों का बहिष्कार करना जरूरी है, लेकिन जो सामान इंडिया के मार्केट में आ गया है वो उसमें भारत के व्यापारियों का पैसा लगा है. अगर उसको हम तोड़ेंगे या जलाएंगे तो हम अपने ही देश का नुकसान करेंगे. पवन खंडेलवाल ने बताया कि चाइना से आयात रुकने पर टेक्नोलॉजी मशीनरी भी रुक जाएगी. हमें सरकार की मदद से टेक्नोलॉजी की मदद अन्य देशों से लेनी होगी.