अलीगढ़:हथिनीकुंड बैराज से पानी छूटने की वजह से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. टप्पल क्षेत्र में यमुना का पानी गांव रामगढ़ी, अमरगढ़ी, शेरपुर, महाराजगढ़, पीपली आदि गांवों में पहुंच गया है. जिसके चलते इन क्षेत्रों में करीब छह हजार बीघा फसल जलमग्न हो गई है.
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खतरे के निशान के करीब यमुना:
- दो दिन पहले हरियाणा के हथिनीकुंड से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया था और बुधवार को फिर से ढाई लाख क्युसेक पानी छोड़ा गया.
- जिससे अनुमान है कि एक-दो दिन में यमुना का पानी खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है.
- खतरे का निशान 200 मीटर पर है और जलस्तर अभी खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे है.
- प्रशासन किनारे के गांवों एहतियात के लिए पीएसी भेज रहा है.
- कलक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और टप्पल मंडी में बाढ़ चौकी बनाई गई है.
- महाराजगढ़, पीपली और शेरपुर के लोगों को गांव छोड़ने के लिए तैयार रहने के निर्देश भी दे दिए गए हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि अफसर बाढ़ के समय ही आते हैं और देखकर चले जाते हैं लेकिन कुछ सुविधा नहीं देते. यमुना नदी के किनारे बसे लोग पिछले कई सालों से बाढ़ का सामना करते रहे हैं. पानी गांवो में आने से फसलें बर्बाद हो गईं और गाय भैंसों के लिए चारे की दिक्कत हो रही है.
कुछ गांवों में पानी आने की संभावना है, अलर्ट जारी कर दिया है और वैकल्पिक स्थान बनाए गए हैं. स्थिति अभी हमारे नियंत्रण में है. बचाव के पूरे इंतजाम किए गए हैं.
चंद्र भूषण सिंह, जिलाधिकारी