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UP Assembly Election 2022 : सपा के वोट बैंक पर औवेसी की नजर ! राजनीतिक गलियारों में बढ़ी हलचल - ओवैसी की अलीगढ़ में रैली

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर असदुद्दीन ओवैसी भी यूपी में पूरी तहर से सक्रिय हैं. रविवार को वो अलीगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. ओवैसी की रैली को लेकर इस बात की चर्चा तेज हो गई है, की ओवैसी सपा के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं.

सपा के वोट बैंक पर औवेसी की नजर
सपा के वोट बैंक पर औवेसी की नजर

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Published : Nov 14, 2021, 4:02 PM IST

अलीगढ़ :यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर असदुद्दीन ओवैसी रविवार को अलीगढ़ में जनसभा करेंगे. रैली का उद्देश्य अपनी पार्टी को मजबूत करना व शोषित वंचित समाज को पार्टी से जोड़ने का है. यह जनसभा जिले के महेशपुर चौराहे पर आयोजित है. इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. सड़क किनारे जगह-जगह बड़े-बड़े पोस्टर बैनर लगाए गए हैं.

दरअसल, इससे पहले भी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी अलीगढ़ आ चुके हैं. उनकी यह जनसभा अलीगढ़ शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में हो रही है. इस जनसभा को लेकर सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि ओवैसी सपा के वोट बैंक में सेंध लगा रहे हैं. हालांकि ओवैसी के अलीगढ़ आने से किसको फायदा होगा और किसको नुकसान, यह तो चुनाव के बाद पता चलेगा. लेकिन ओवैसी की एंट्री से भाजपा को फायदा और समाजवादी पार्टी को नुकसान होता दिख रहा है.

सपा के वोट बैंक पर औवेसी की नजर

एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष ओवैसी ने यूपी की 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की थी. अलीगढ़ में भी कोल, अलीगढ़ शहर और छर्रा विधानसभा में अपने उम्मीदवार खड़ा करने की बात कही थी. हालांकि अभी इन तीनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधायक हैं. वहीं एआईएमआईएम पार्टी जिले के मुस्लिम वोटरों से संपर्क कर अपना जनाधार बढ़ाने का प्रयास कर रही है. असदुद्दीन ओवैसी की होने वाली जनसभा में भी ज्यादातर एक समुदाय विशेष को न्योता दिया जा रहा है. एएमयू के छात्रों को भी पार्टी से जोड़ा जा रहा है.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर असदुद्दीन ओवैसी कई जनपदों में जनसभाएं कर चुके हैं. वहीं, अब अलीगढ़ की सात विधानसभा सीटों पर भी पार्टी उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. इससे पहले 2017 में यूपी के चुनाव मैदान में एआईएमआईएम कोई सीट जीत नहीं पाई थी. उस वक्त भी ओवैसी की पार्टी 38 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी. 37 विधानसभा सीटों पर पार्टी की जमानत जप्त हो गई थी. एआईएमआईएम (AIMIM) को 204142 वोट मिले थे. पार्टी ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा था, वह पश्चिमी यूपी की मुस्लिम बाहुल्य सीटें थी. लेकिन मतदाताओं की तरफ से उन्हें ज्यादा तबज्जो नहीं मिली.

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हालांकि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी को फायदा हुआ था. तब ओवैसी की पार्टी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बिहार के बाद ओवैसी ने फिर उत्तर प्रदेश का रुख किया है. राजनीति के जानकारों की मानें तो पश्चिमी यूपी में ओवैसी की नजर मुसलमानों के साथ दलित वोटों पर भी है. इसको देखते हुए ओवैसी शोषित, वंचित समाज सम्मेलन कर रहे हैं.


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