अलीगढ़ :जिलेके सासनी गेट क्षेत्र में मंगलवार को आम आदमी पार्टी के सांसद व उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह पहुंचे. जिन्होंने प्रदेश और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अपने बाप-दादा की संपत्ति को बढ़ाते हैं वह सपूत कहलाते हैं और जो अपने पूर्वजों की संपत्ति को बेच देते हैं कपूत कहलाते हैं. हिन्दुस्तान में कपूतों की सरकार चल रहीं है. जो देश की संपत्तियों को 130 करोड़ हिंदुस्तानियों के परिश्रम से बनाए गए रेल को, खेल को, एयरपोर्ट को, सड़क को, बिजली को, पानी को, एलआईसी को, बैंक को बेचने का फरमान लेकर अपने बजट में आई है. यह बजट केंद्र सरकार का हिंदुस्तान को बेचने का बजट है.
आप सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर साधा जमकर निशाना - अलीगढ़ न्यूज
अलीगढ़ जिले में आम आदमी पार्टी के सांसद व उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह पहुंचे. जहां उन्होंने प्रदेश और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उनका कहना था कि अपने बाप-दादा की संपत्ति को बढ़ाते हैं वह सपूत कहलाते हैं, और जो अपने पूर्वजों की संपत्ति को बेच देते हैं वो कपूत कहलाते हैं.
उन्होंने कहा कि यह तीनों कृषि काला कानून हिंदुस्तान की किसानी और खेती को बर्बाद करने का फरमान है. इस कानून के अंदर किसानों की खेती को कब्जाने का, उसको पूंजीपतियों के हाथों में देने का एक बड़ा अभियान एक बड़ी योजना है. आप के नेता संजय सिंह ने कहा दूसरा इस कानून के बनने से, असीमित भंडारण की छूट देने से, जमाखोरी कालाबाजारी और महंगाई हिंदुस्तान के अंदर बढ़ेगी. एमएसपी की गारंटी कानून में होनी चाहिए. अगर एमएसपी मोदी जी देना चाहते हैं तो उनको एक लाइन लिखने में क्या आपत्ति है कि एमएसपी से कम पर किसान से कोई खरीद करेगा तो उसके खिलाफ जेल भेजने की कार्रवाई होगी. इसका मतलब एमएसपी देने के मामले में मोदी जी की नियत साफ नहीं है. हमने देखा धान का दाम नहीं मिला, गेहूं का दाम नहीं मिलता, गन्ने का दाम 4 साल से नहीं बढ़ा है. अट्ठारह हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों का बकाया है सरकार उसको दे नहीं रही है.
योगी जी साढ़े पांच लाख करोड़ का लफ्फाजी का बजट लेकर आते हैं. उसमें न रोजगार के लिए कुछ, ना माताओं बहनों के लिए कुछ, शिक्षा के लिए कोई दृष्टि नहीं, कोई योजना नहीं, 4 साल में कुछ किया नहीं तो ये लफ्फाजी का बड़ी-बड़ी बातें करने वाला बजट में योगी जी लेकर आए हैं. 28 तारीख को अरविंद केजरीवाल जी की किसान पंचायत हो रही है. मेरठ में भारी संख्या में किसान सम्मिलित होंगे और व्यापारी आएंगे.