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आगरा में महिला ने एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म, कर्जे में डूबा ऑटो चालक, मदद की लगाई गुहार - अम्बे अस्पताल में जन्में चार बच्चे

आगरा में एक ऑटो चालक की पत्नी ने सोमवार को एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया था. अम्बे अस्पताल के संचालक डॉक्टर महेश चौधरी ने परिवार की आर्थिक स्थिति देखकर हर संभव मदद करने की बात कही थी. लेकिन, चार बच्चों की डिलवरी से बच्चों का पिता पूरी तरह से कर्जे में डूब गया है.

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चार बच्चों की डिलवरी से कर्जे में डूबा पिता

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Published : Jun 28, 2022, 1:13 PM IST

आगरा: जिले में एक ऑटो चालक की पत्नी ने सोमवार को एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया था. इसमें तीन बेटियां और एक बेटा शामिल है. डॉक्टरों के मुताबिक, सभी बच्चें स्वस्थ हैं. एहतियात के तौर पर सभी बच्चों को दूसरे अस्पताल पालना में भर्ती कराया गया है. बच्चों के पिता मनोज को पहले से 3 बेटियां हैं. ऐसे में अम्बे अस्पताल के संचालक डॉक्टर महेश चौधरी ने परिवार की आर्थिक स्थिति देखकर हर संभव मदद करने की बात कही है.

इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. दरसल, अम्बे अस्पताल के मालिक महेश चौधरी ने परिवार की हालत देखते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया था. लेकिन, मनोज पर बच्चों की डिलवरी से लेकर भर्ती प्रक्रिया तक एक लाख से ज्यादा कर्जा हो गया है. मनोज का कहना है कि वह बहुत परेशान है. उसे जुड़वां बच्चों की जानकारी थी. पत्नी की हालत बिगड़ने पर एसएन मेडिकल इलाज के लिए गया था तो उसे लेडी लॉयल भेजा गया और जब लेडी लॉयल गया तो उसे एसएन भेज दिया गया. दोनों ही जगह इलाज नहीं मिला. पत्नी खुशबू का दर्द बढ़ने पर किसी व्यक्ति के जरिये अम्बे हॉस्पिटल लाया गया. यहां सस्ते इलाज की बात कही गई थी. मनोज ने 25 हजार रुपये जमा भी करा दिए. अभी अम्बे अस्पताल का 35 हजार का कर्जा ओर देना है.

आगरा में महिला ने एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म

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बच्चों को जिस पालना हॉस्पिटल में रखा गया है, वहां उससे प्रति बच्चे का प्रतिदिन 6 हजार कुल 24 हजार और 6 हजार की दवाएं मंगवाई गई हैं. अभी बच्चों को तीन दिन और रखा जाना है. मनोज ब्याज पर पैसे लेकर आया था और अब बाकी इलाज के लिए पैसों का इंतजाम करने को दर-दर भटक रहा है. पीड़ित ने चिकित्सकों और सरकार से मदद की गुहार लगाई है. मनोज का कहना है कि यदि वह 24 घंटे भी ऑटो चलाएगा, तब भी बच्चों को अच्छी परवरिश नहीं दे पाएगा. वह किराये के मकान में रहता है. वह पूरी तरह से कर्जे में डूबा हुआ है.

मनोज के अनुसार, बकाया 35 हजार रुपये के लिए लगातार उस पर दबाब बनाया जा रहा है. पालना हॉस्पिटल का स्टॉफ भी मनोज से लगातार पैसों की मांग कर रहा है. मनोज का कहना है कि वह ऑटो चलाकर अपने परिवार को पालता है. मनोज ने अस्पताल संचालक से गुहार लगाते हुए कहा कि उसके बच्चों का निशुल्क इलाज कराया जाए या प्रशासन मेरी मदद करे. क्योंकि अब उसे कर्ज पर कोई भी पैसा देने को तैयार नहीं है.

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