आगरा :जनपद के पिनाहट कस्बा क्षेत्र से सटी चंबल नदी में एक बार फिर जल स्तर बढ़ने लगा है. इसके चलते नदी किनारे पैंटून पुल की रस्सियां टूटकर पानी में बह गईं. इससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. समय रहते स्टीमर से पेंटून पुल को बमुश्किल पकड़ा गया और कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला गया.
जानकारी के अनुसार पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी पिनाहट उसेथ घाट पर हर वर्ष लोक निर्माण विभाग आगरा द्वारा 15 अक्टूबर से 15 जून तक अस्थाई पेंटून पुल बनाया जाता है. इससे दो राज्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों के आवागमन में सुविधा रहती है.
बरसात के दिनों में चंबल नदी में बाढ़ आने से पूर्व 4 माह के लिए पेंटून चंबल नदी किनारे रख दिया जाता है. इसके रखरखाव के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा अलग से लाखों रुपये का ठेका निकाला जाता है. ठेका मिलने के बाद ठेकेदार के कर्मचारी पैंटून पुल पर रहकर इसका रखरखाव करते हैं.
पिछले सप्ताह चंबल में उफान आने के बाद जलस्तर 122 मीटर पहुंच गया था. प्रशासनिक अधिकारियों ने चंबल के जलस्तर का निरीक्षण किया. बीते 5 दिनों में धीरे-धीरे चंबल नदी का जलस्तर कम हो गया. इसे लेकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. मध्य प्रदेश राजस्थान में बारिश के चलते शनिवार रात से एक बार फिर चंबल का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगा. नदी का जलस्तर 116 मीटर से बढ़कर एक से 121 मीटर पहुंच गया.
रविवार सुबह चंबल नदी के पानी में अचानक तेज बहाव के कारण वायर रोप व रस्सियां टूट गईं. पैंटून पुल नदी में बह गया. यह देख पुल पर मौजूद आधा दर्जन से अधिक रखरखाव करने वाले कर्मचारियों के हाथ-पैर फूल गए. सूचना पर पीडब्ल्यूडी के स्थानीय ठेकेदारों में हड़कंप मच गया. तत्काल स्टीमर से पानी में बह रहे पुल का पीछा किया गया.