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कल्पना को निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाने के लिए ग्रामीणों की पंचायत - सरला गुर्जर

आमतौर पर ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ाई-झगड़े और विवाद के बीच होता है. उत्तर प्रदेश में बिना झगड़े और चालबाजी के ग्राम प्रधान के चुनाव हो जाए, इसे तो बहुत लोग असंभव भी मानते हैं, लेकिन आगरा में एक स्थान ऐसा है, जहां अलग ही नजारा है. यहां ग्रामीणों ने एक महिला को निर्विरोध चुना है.

आगरा
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Published : Mar 30, 2021, 12:05 AM IST

आगराः आगरा जनपद के ब्लॉक जैतपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत बड़ा गांव के लोगों ने महिला सशक्तिकरण का नायाब मिसाल पेश की है. इस गांव के लोगों ने एक महिला कल्पना देवी को निर्विरोध प्रधान चुन लिया है. निर्विरोध चुनाव पहली बार हुआ हो, ऐसा नहीं है. पिछले पंचायत चुनाव में भी सभी ग्रामीणों ने एकमत से महिला सरला गुर्जर को प्रधान चुना था. ग्रामीणों ने प्रधान चुनने में एक शर्त रखी थी कि चुनी जाने वाली महिला पढी-लिखी हो.

ग्रामीणों की पंचायत

ग्रामीणों ने की पंचायत
जनपद के ब्लॉक जैतपुर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़ा गांव में निर्विरोध महिला प्रधान चुनने के लिए दो सप्ताह पहले ग्रामीणों की विशाल पंचायत हुई. इसमें सभी में सहमति बन गई और सर्व समाज के लोगों ने निर्विरोध प्रधान चुनने का फैसला लिया है.

पढ़ी-लिखी बहू बनी ग्रामीणों की पसंद
उत्तर प्रदेश में आरक्षण की लिस्ट जारी होते ही और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही अपनी ग्राम पंचायतों में बीते दिनों से ग्राम प्रधानी की तैयारी कर रहे प्रत्याशी अपनी-अपनी दावेदारी के लिए हुंकार भरने लगे थे. ऐसे में जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत बड़ागांव ने अलग ही पहल की. करीब दो सप्ताह पहले हनुमान मंदिर पर सर्वसमाज के लोगों की पंचायत हुई, जिसमें सर्वसम्मति से सामान्य सीट पर परास्नातक गांव की बेटी सरला गुर्जर को निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाने का फैसला लिया गया. साथ ही जो अन्य प्रधान प्रत्याशी थे उन सबने गांव की ही बेटी को समर्थन देकर आशीर्वाद दिया. गांव की बेटी सरला गुर्जर ने गांव के ग्रामीणों को गांव में हर विकास कार्य कराने का आश्वासन दिया था, जिसमें महिला सशक्तिकरण को लेकर बेटियों की शिक्षा पर विशेष जोर देने की बात कही थी. कुछ दिन बाद उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट प्रदेश सरकार द्वारा जारी पंचायत चुनाव आरक्षण लिस्ट पर रोक लगाते हुए 2015 की लिस्ट के माध्यम से ही पंचायत चुनाव कराने के आदेश दिए. इस पर प्रदेश सरकार द्वारा दोबारा से आरक्षण लिस्ट जारी की गई जिसमें ग्राम पंचायत बड़ा गांव की ग्राम प्रधानी की आरक्षण सीट एससी महिला हो गई. जिस पर गांव की बुद्धिमान बेटी सरला गुर्जर ने अपनी समझदारी का परिचय देते हुए हार नहीं मानी और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए ग्राम पंचायत के सभी सर्व समाज के लोगों को हनुमान मंदिर पर एकत्रित किया. इसमें गांव की बेटी ने महिला को ही निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनने पर बात रखी. गांव की बेटी के फैसले से ग्रामीण खुश थे उन्होंने अपनी-अपनी बात रखी. एससी महिला सीट पर 11 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं. सरला गुर्जर ने बूढ़े-बुजुर्ग, युवा ग्रामीणों की मदद से एक-एक करके ग्राम पंचायत की भलाई के लिए सभी प्रत्याशियों को समझाया. इसके बाद वह मान गए. उसके बाद गांव की ही पढ़ी-लिखी बहू कल्पना देवी को ग्राम पंचायत का निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाने पर फैसला लिया गया. सर्व समाज की सर्वसम्मति से मुहर लगी. वहीं, गांव की बेटी सरला गुर्जर के इस प्रयास से सभी ग्रामीण खुश हुए हैं.

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विकास की उम्मीद
ग्रामीणों का कहना है कि अब गांव का विकास हो सकेगा और गांव का शिक्षा का स्तर आगे बढ़ेगा. वहीं निर्विरोध चुनी जाने वाली कल्पना देवी का कहना है कि ग्राम प्रधान के लिए मुझे निर्विरोध चुना जा रहा है. मैं गांव के विकास में कोई कसर नहीं छोडूंगी. सरला दीदी की मदद से गांव का विकास किया जाएगा. बेटियों की पढ़ाई के लिए स्कूल आदि की व्यवस्था की जाएगी. गांव के अन्य लोगों का कहना है कि सरकार से जो भी रुपये मिलेंगे वह गांव के विकास में लगाए जाएंगे. बड़ागांव ग्राम पंचायत को विकास के कार्यों के पंख लगेंगे.

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