आगरा: हाथरस गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की ओर से 22 सितंबर को ही हाथरस जिले के एसपी को चिठ्ठी लिखी गई थी, जिसमें निर्देश दिए गए थे कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए. इसके साथ ही मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सात दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने ये बातें बताई.
हाथरस गैंगरेप मामला: महिला आयोग ने 22 सितंबर लिखी थी चिठ्ठी, 7 दिन में मांगी थी रिपोर्ट - निर्मला दीक्षित
यूपी के हाथरस जिले में हुए गैंगरेप मामले को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि महिला आयोग की ओर से मामले में 22 सितंबर को ही हाथरस एसपी को चिठ्ठी लिखी गई थी, जिसमें मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सात दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी.
निर्मला दीक्षित बताया कि हाथरस में मेडिकल की बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं होने से पीड़िता का उपचार अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में हो रहा था. अलीगढ़ में वहां की हमारी साथी और महिला आयोग की सदस्या रामसखी कठेरिया लगातार पीड़िता के संपर्क में थीं. उन्होंने तत्काल मामले को संज्ञान में लिया और पीड़िता से मिलीं. उन्होंने पीड़िता की हालत के बारे में सीएमओ से पूरी जानकारी ली. मामले को लेकर वह डीएम और एसपी से मिलीं. साथ ही पीड़िता के संपर्क में रहीं.
निर्मला दीक्षित ने कहा कि एसपी हाथरस से जांच के आधार पर और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर रिपोर्ट मांगी है. 22 सितंबर को मैंने हाथरस एसपी से जांच के लिए चिट्ठी लिखी थी. गुरुवार तक एसपी की रिपोर्ट मिल सकती है, जिसे सबके सामने रखा जाएगा. मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही सारी स्थिति सामने आएगी कि वास्तव में क्या परिस्थिति रही थी, जिस वजह और किस तरह यह घटना घटित हुई. निर्मला दीक्षित ने कहा कि मैं पीड़िता को श्रद्धांजलि देती हूं.