आगरा:यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के प्रथम चरण (UP Election 2022 1st Charan) का मतदान 10 फरवरी होगा. मंगलवार की शाम प्रथम चरण के मतदान वाले आगरा, मथुरा समेत 11 जिलों में चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा. आगरा की तीन वीवीआईपी विधानसभा सीट हैं. जहां 'माननीय' की प्रतिष्ठा दांव पर है. इमनें आगरा छावनी (agra chhavni) से राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश (Dr. GS Dharmesh), आगरा ग्रामीण (agra gramin vidhan sabha) से उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य (baby rani maurya) और बाह विधानसभा (Bah Vidhan Sabha) से भदावर राजघराने की रानी पक्षालिका सिंह (Rani Pakshalika Singh) चुनाव मैदान में हैं. एक तरफ जहां डॉ. जीएस धर्मेश करोड़पति हैं तो बाह विधायक रानी पक्षालिका सिंह यूपी की सबसे अमीर महिला विधायक हैं.
तीनों ही 'माननीय' की किस्मत 10 फरवरी को ईवीएम में बंद हो जाएगी. फिर दस मार्च को उनकी हार-जीत का पता चलेगा. लेकिन इससे पहले ईटीवी भारत के इस स्पेशल रिपोर्ट में जानें कि कैसी है 'वीवीआईपी' सीट का जातिगत 'गणित' और 'माननीय' की स्थिति?
आगरा छावनी विधानसभा में डॉ. जीएस धर्मेश की प्रतिष्ठा दांव पर
सन् 1967 के विधानसभा चुनाव में आगरा छावनी विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. फिर सन् 1985 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. सन् 1989 से 1996 तक इस सीट पर भाजपा को जीत मिली. सन् 2002, 2007 और 2012 के चुनाव में यहां बसपा को जीत मिली. इसके बाद 2017 के चुनाव में भाजपा के डॉ. जीएस धर्मेश जीते और योगी सरकार में राज्य मंत्री भी बने. इस सीट पर अभी तक सपा का खाता नहीं खुला है. 2017 के बाद भाजपा ने एक बार फिर राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश पर अपना दांव लगाया है.
वाल्मीकि, मुस्लिम और राठौर वोटर की भूमिका अहम
आगरा छावनी के चुनाव मैदान में भाजपा प्रत्याशी डॉ. जीएस धर्मेश के सामने सभी नौसिखिया प्रत्याशी हैं. सपा के कुंवरचंद वकील आगरा से लोकसभा चुनाव लड़े हैं. मगर अनुभव और लोकप्रियता में भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश से पीछे हैं. यहां भाजपा का पलड़ा भारी है.
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भाजपा के अलावा बसपा के भारतेंदु अरुण की जाटव वोटर्स पर पकड़ है. भारतेंदु अरुण की कोशिश मुस्लिम वोटर को नीले खेमा में लाने की है. ऐसे ही कांग्रेस प्रत्याशी युवा सिकंदर वाल्मीकि की समाज में अच्छी पैंठ है. वहीं भाजपा प्रत्याशी डॉ. जीएस धर्मेश बड़ा दलित चेहरा हैं. उनका भाजपा के साथ ही अपना खुद का वोट बैंक हैं, जिससे उनकी जीत भी दिख रही है. जातीय समीकरण से छावनी में भाजपा, सपा और बसपा के प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हैं.
आगरा छावनी विधानसभा के प्रमुख प्रत्याशी
- भाजपा से डॉ. जीएस धर्मेश।कांग्रेस से सिकंदर वाल्मीकि।
- बसपा से भारतेंदु अरुण।
- सपा से कुंवरचंद वकील।
- आप से प्रेम सिंह ।
आगरा छावनी विधानसभा में जातिगत वोटर
- कुल मतदाता- 462281
- महिला मतदाता- 210099
- पुरुष मतदाता- 252162
जाति का नाम | वोटर |
जाटव | 85000 |
वाल्मीकि | 45000 |
मुस्लिम | 42000 |
वैश्य | 42000 |
राठौर | 40000 |
ब्राह्मण | 35000 |
सिंधी व पंजाबी | 27000 |
जाट | 21000 |
यादव | 19000 |
(जातिगत मतदाताओं के आंकड़े लगभग में हैं)।
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1. भाजपा प्रत्याशी राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश करोड़पति
उम्र : 68 साल।
शैक्षणिक योग्यता : एमबीबीएस ।
आय का स्रोत : चिकित्सा एवं पेट्रोल पंप।
स्वयं पर नकदी : एक लाख रुपए।
पत्नी पर नकदी : 40 हजार रुपए।
स्वयं ने भरा इनकम टैक्स : 817146 रुपए।
पत्नी ने भरा इनकम टैक्स : 392500 रुपए।
स्वयं की चल संपत्ति : 858778 रुपए।
पत्नी की चल संपत्ति : 1040000 रुपए।
स्वयं की अचल संपत्ति: 1.90 करोड़ रुपए।
पत्नी की अचल संपत्ति : 1.50 करोड़ रुपए।
पत्नी पर आभूषण : 266 ग्राम सोना। (कीमत 10 लाख रुपए)।
2. बाह छावनी विधानसभा में रानी पक्षालिका सिंह मैदान में
आजादी के बाद यूपी में 17 बार विधानसभा चुनाव हुए, जिनमें से बाह विधानसभा में अब तक 11 चुनाव में भदावर राजघराने के सदस्य विधायक बने. सन् 1962 में पहली बार भदावर राजघराने के राजा महेंद्र रिपुदमन सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते.
फिर यहां से राजघराने के सदस्य ही विधायक बने. सन् 2007 में बसपा के मधुसूदन शर्मा ने राजघराने के राजा अरिदमन सिंह को हराकर उलटफेर किया था. लेकिन पांच साल बाद चुनाव में राजा अरिदमन सिंह ने सपा के टिकट पर मधुसूदन शर्मा को हराया और कैबिनेट मंत्री बने. सन् 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से रानी पक्षालिका सिंह विधायक बनीं. भाजपा ने रानी पक्षालिका सिंह को बाह से प्रत्याशी बनाया है.
बाह में यूं बन रहे जातीय समीकरण
बाह विधानसभा में 80000 ठाकुर, 80000 ब्राह्मण, 40000 निषाद और 40000 जाटव मतदाता हैं. यहां पर वैश्य, गुर्जर, मुस्लिम सहित अन्य तमाम जाति के मतदाताओं की संख्या भी हजारों में हैं. यहां पर जातिगत समीकरण ब्राह्मण वोट बैंक में बसपा छोड़कर आए सपा प्रत्याशी मधुसूदन शर्मा और कांग्रेस की मनोज दीक्षित सेंध लगा रही हैं. बसपा ने निषाद वोट बैंक को देखकर नितिन वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है. मगर, यहां सीधी टक्कर भाजपा प्रत्याशी मौजूदा विधायक रानी पक्षालिका सिंह और सपा के प्रत्याशी पूर्व विधायक मधुसूदन शर्मा के बीच है. क्योंकि, हाल में ही टिकट कटने पर फतेहाबाद से भाजपा विधायक जितेंद्र वर्मा ने अब सपा जिलाध्यक्ष हैं. पूर्व विधायक जितेंद्र वर्मा की निषाद समाज में अच्छी पकड़ है. इसलिए सपा की झोली में ब्राह्मण, वैश्य और निषाद वोटर्स आ रहे हैं.
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बाह विधानसभा का जातिगत समीकरण