आगरा:पहाड़ों पर हुई बर्फबारी ने मैदानी क्षेत्रों में गलन और ठिठुरन बढ़ा दी है. सोमवार प्रदेश में सीजन का पहला 'कोल्ड डे' रहा. इसमें झांसी सबसे ठंडा जिला रहा. यहां न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री सेंटीग्रेड रहा. जबकि, न्यूनतम 5.8 डिग्री सेंटीग्रेड के साथ यूपी में आगरा और बरेली दूसरे ठंडे जिले रहे. शीतलहर और गलन से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जबकि, ताजनगरी में रेल की पटरियां भी सर्दी से चटक गई. गनीमत रही कि समय रहते इसकी जानकारी हो गई, जिससे कोई बड़ी अनहोनी होने से बच गई. रेल लाइन चटकने की खबर मिलते ही रेलवे अधिकारियों ने बिचपुरी के पास चटके ट्रैक की आनन-फानन मरम्मत कराई, जिससे बयाना-बांदीकुई रेल मार्ग पर रेल यातायात बाधित रहा. इसके साथ ही आगरा से जाने वाली ट्रेनें कोहरे की वजह से देरी से चल रही हैं.
दरअसल, आगरा में सोमवार सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा. आगरा का दिन में पारा महज 16.6 डिग्री रह गया और न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री पर रहा. शीतलहर, ठिठुरन और गलन के साथ ही जिले में सुबह घना कोहरा छाया रहा. इससे दृश्यता शून्य रह गई. ऐसे ही हालात मंगलवार के हैं. घना कोहरा हैं. शीतलहर चल रही है. इस वजह से आगरा में नर्सरी से आठवीं तक के स्कूलों की दो दिन की छुट्टी कर दी गई है.
बता दें कि आगरा रेल मंडल में करीब 500 किमी लंबा ट्रैक है. आगरा-दिल्ली से हावड़ा तक सबसे लंबी रेल लाइन है. जैसे ही सर्दी बढ़ी है. वैसे ही आगरा कैंट से भांडई, आगरा टूंडला-कानपुर और अन्य रेल मार्गों पर पटरियां चटकने के मामले बढ़े हैं. सोमवार तड़के चार बजे बयाना बांदीकुई रेल लाइन पर बिचपुरी स्टेशन के पास पटरी चटक गई. आगरा रेल मंडल की वाणिज्य प्रबंधक और पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्त ने बताया कि सर्दियों में पटरियों के ज्वाइंट खुल जाते हैं. यह पहले से हमारी जानकारी में है. इसलिए सेफ्टी ज्वाइंट लगाए हैं. ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए गति को लेकर सावधानी बरती जा रही है. क्योंकि, लगातार पारा गिरने से लोहे की पटरियों में तनाव बढ़ जाता है, जिससे तनाव और सिकुड़न से पटरियां चटकती हैं. चटके रेलवे ट्रैक से गुजरने पर ट्रेन का पहिया टूटे ट्रैक पर धंस सकता है. रेल यातायात भी कोहरे के कारण बुरी तरह से प्रभावित है. अवध एक्सप्रेस आठ घंटे लेट रहीं तो राजधानी समेत 16 ट्रेनें दो से तीन घंटे तक देरी से चल रही हैं.
इन जिलों में कोल्ड डे के हालात