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नौकरी गई तो खोली ईको फ्रेंडली चाय की दुकान, ग्राहक चाय के साथ कप भी खाते हैं

जब बिजनेस आइडिया धांसू हो तो प्रोडक्ट की चर्चा भी लाजिमी है. आगरा के दो पढ़े- लिखे दोस्तों की नौकरी जब कोरोना की लहर के दौरान चली गई तो उन्होंने रोजगार के लिए चाय की दुकान खोली. चाय तो आगरा के करीब हर नुक्कड़ पर बिकती है तो ग्राहकों को बुलाना आसान नहीं है. इन दो युवकों ने अपनी दुकान ईको फ्रेंडली चाय वाला (echo friendly chaiwala in agra) को नायाब बना दिया. क्योंकि इनकी दुकान में चाय पीने के बाद ग्राहक कप को खा सकते हैं.

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Published : Dec 16, 2022, 7:47 PM IST

ईको फ्रेंडली चाय वाले के बारे में जानकारी देते कैफे के मालिक और ग्राहक

आगरा : अगर आप आगरा शहर में ईको फ्रेंडली चाय पीना चाहते हैं तो भगवान टॉकीज चौराहे पर जाएं. वहां एनएच 19 सर्विस रोड पर ईको फ्रेंडली चाय की दुकान हैं. इस दुकान पर पहले ग्राहक अपनी पसंद की चाय पीते हैं. अगर चाय के साथ कप का स्वाद अच्छा लगता है तो उसे भी खा जाते हैं. जो लोग कप खाना नहीं चाहते, वह मिट्टी के कुल्हड़ में सोंधी खुशबू के साथ गरम-गरम चाय का लुत्फ लेते हैं (echo friendly chaiwala in agra) . सबसे बड़ी बात यह है कि चाय के साथ कप खिलाने का आइडिया निकालने वाले इस स्टॉल के संचालकों ओम झा और आशीष ने पर्यावरण को बचाने के मकसद से आगरा शहर में इसकी शुरुआत की है.

क्यों आया ग्राहकों को कप खिलाने का आइडिया :दरअसल ओम झा और आशीष को ईको फ्रेंडली चाय की दुकान खोलने का आइडिया नरेंद्र मोदी के प्लास्टिक मुक्त भारत की अपील के बाद आया. दोनों ने अपने स्टार्टअप का नाम ईको फ्रेंडली चाय वाला रखा. इस कैफ़े को शुरू करने वाले दो दोस्त ओम वीर झा और आशीष पराशर की कहानी भी बड़ी रोचक हैं. दोनों दोस्तों ने एक साथ पढ़ाई की. एक साथ दोनों ने मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब के साथ कैरियर की शुरुआत की. देश में फैली कोविड-19 की महामारी के दौरान उनकी जॉब चली गई. जिसके बाद दोनों बेरोजगार दोस्त घर लौट आए. इसके बाद मन में कुछ करने का सपना लेकर दोस्तों ने बड़े जोखिम के साथ इको फ्रेंडली कैफ़े की नीव रखी. आशीष का कहना है कि वह ग्राहकों को प्लास्टिक से दूर रखना चाहते हैं, वह स्पेशल सॉफ़्टी से बने कप में चाय और मिट्टी के बर्तनों में डिश सर्व करते हैं. ग्राहक भी खाने वाले कप को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं.

नौकरी जाने के बाद चाय का स्टार्टअप शरू करने वाले ओम झा और आशीष.

ओम झा और आशीष का कहना हैं कि देश में प्लास्टिक एक बड़ी समस्या हैं. लोग खाने से लेकर पहनने तक की चीज़ों में लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं, जो हमारे स्वास्थ के लिए हानिकारक हैं. उस प्लास्टिक को यूज करने के बाद सड़कों पर फ़ेक दिया जाता हैं, जिसे जानवर निगल लेते हैं और उनकी मौत हो जाती है. इससे पर्यावरण को भी नुक़सान हो रहा है. इस बड़ी समस्या के हल को लेकर दोनों ने छोटी से पहल की है, जिसे लोग काफी पसन्द कर रहे हैं.


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