आगरा:यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में ज्यादातर रोडवेज बसों की ड्यूटी लगी हुई है. इसका फायदा डग्गामार वाहन व रोडवेज कर्मचारी उठा रहे हैं. रोडवेज के परिचालक किराया वसूलने के बाद भी सवारियों को टिकट नहीं देते. जनपद के बाह आगरा मार्ग पर रोडवेज बसों में यात्रियों को फर्जी टिकट थमाकर यात्रा कराई जा रही है. इससे परिवहन विभाग को रोजाना हजारों का नुकसान हो रहा है. वहीं यात्रियों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया जा रहा है.
ताजा मामला आगरा-बाह मार्ग का है. जहां बुधवार को बाह क्षेत्र के गांव रुपपुरा निवासी दिव्यांग महिला सीता देवी बुधवार को विकलांग पास रिन्यू कराने को आगरा गई थीं. शाम को लौटते समय वह आगरा फोर्ट डिपो बस स्टेशन से कस्बा बाह के लिए फाउंड्री नगर डिपो की रोडवेज बस में बैठीं.
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बस में तैनात परिचालक ने उससे टिकट लेने को कहा, जिस पर उसने परिचालक को दिव्यांग पास दिखाया. परिचालक ने महिला को दिव्यांग पास पर निशुल्क यात्रा नहीं करने की बात कहते हुए जबरन टिकट के रुपए ले लिए. जबकि विकलांग यात्री निशुल्क यात्रा कर सकता है. आरोप है कि आगरा से बाह तक के किराया लेने के बावजूद भी महिला यात्री को टिकट नहीं दिया.
जब महिला ने बार-बार उससे टिकट के लिए जिद की तो उसने महिला को गाड़ी में पड़ी पुरानी टिकट थमा दी. टिकट पर 55 रुपए व आगरा से अरनोटा अंकित था. जब महिला ने पुराने टिकट को लेकर विरोध किया तो परिचालक महिला से अभद्र व्यवहार करते हुए चुपचाप बैठकर चलने को कहा. चुप ना बैठने पर रास्ते में उतारने की धमकी भी दी.
बाह बस स्टैंड पहुंचने पर महिला ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिस पर लोग एकत्रित हो गए. तत्काल चालक परिचालक पोल खुलने के डर से बस को लेकर वापस आगरा चले गए. पीड़ित महिला ने उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है. फर्जी टिकट के साथ कोई यात्री चैटिंग में पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना या सजा दोनों हो सकती हैं. ऐसे में सवाल है कि इस तरह की घटना की जिम्मेदारी किसकी होगी.
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