आगरा:ताजमहल का दीदार करने आए सैकड़ों पर्यटकों को टिकट न मिल पाने के कारण यमुनापार स्थित महताब बाग का रुख किया. सैकड़ों की संख्या में पर्यटकों ने ताज को दूर से ही निहारा. लेकिन उसे छूने और पास से देखने की हसरत अधूरी ही रही. सुबह से ही महताब बाग स्मारक पर पर्यटकों की भारी भीड़ लगी रही.
2500-2500 के बनाए गए दो स्लॉट
कोरोना काल में विश्व विख्यात स्मारक ताजमहल में रोजाना सिर्फ 5000 लोगों को प्रवेश करने की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी की गई. जिसमें 2500-2500 के बनाए गए दो स्लॉट करीब 180 दिनों तक बंद रहे. ताजमहल के खुलने के बाद तमाम पर्यटक यहां पहुंचने लगे. रोजाना ही करीब 5000 के आसपास पर्यटक यहां आये और ताज का दीदार किया. ताज का दीदार करने के लिए एएसआई द्वारा ऑनलाइन टिकटिंग की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसके तहत लोगों ने अपने गंतव्य से टिकट बुक कर ताजमहल का दीदार किया.
ऑनलाइन टिकटिंग की हो रही कालाबाजारी
ताज के दीदार के लिए एएसआई ने ऑनलाइन टिकटिंग की प्रक्रिया शुरू की थी. जिससे लोगों को लाइन में ना खड़ा होना पड़े और कोविड-19 के नियमों का पालन भी होता रहे. लेकिन ऑनलाइन टिकट प्रक्रिया अब एएसआई और पुलिस प्रशासन के लिए सिर दर्दी बन गई है. ताज महल की टिकट की अब कालाबाजारी भी होने लगी है. इसपर लगाम लगाने के लिए पुलिस प्रशासन और एएसआई विभाग लगातार जुटा हुआ है.
महताब बाग पहुंचे सैकड़ों पर्यटक अधूरी
ताजमहल की ऑनलाइन टिकट फुल होने की वजह से तमाम पर्यटक मायूस हुए, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि महताब बाग के पार्श्व से भी ताज का दीदार किया जा सकता है. जिसके बाद तमाम पर्यटक महताब बाग की तरफ दौड़ पड़े. दिल्ली से आए पर्यटक रोहित ने बताया कि वह बहुत पहले ही ताजमहल देखना चाह रहे थे, लेकिन लॉकडाउन लगने की वजह से नहीं आ सके. अब जब ताजमहल खुल गया है तो वे उसका दीदार करने आए थे. वह कई दिनों से ऑनलाइन टिकट बुक कर रहे थे, लेकिन टिकट नहीं मिल सकी. उनके एक मित्र ने उन्हें महताब बाग के बारे में बताया. महताब बाग आकर उन्होंने ताज का दीदार किया. उन्होंने बताया कि ताजमहल को पास से ना देख पाने की वजह से काफी मायूस थे.
ताज को करीब से देखने की हसरत
रायपुर छत्तीसगढ़ से ताज का दीदार करने आई दिव्यांशी शर्मा ने बताया कि वह भी कई दिनों से ऑनलाइन टिकट बुक करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन 5000 लोगों की संख्या पूरी होने की वजह से टिकट नहीं मिली. उनका कहना था कि भले ही मेहताब बाग से ताज महल को देख लिया. लेकिन जिस चीज के लिए ताजमहल प्रसिद्ध है वह ना देख पाने की हसरत दिल में ही रह गई.