आगरा:मोहब्बत की निशानी ताजमहल को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2021) पर चांदनी रात में देखने का क्रेज पर्यटकों में रहता है. सुपर मून की किरणें जब संगमरमरी बदन पर अठखेलियां करती हैं तो ताजमहल (Tajmahal) दमकने और चमकने लगता है. चमकी की झलक देखने के लिए पर्यटक सालभर इंतजार करते हैं. मगर, इस बार पर्यटक असल चमकी पर्यटक नहीं देख सकेंगे. इतना ही नहीं, पांच दिन की बजाय चार दिन ही पर्यटक चमकी देख सकेंगे.
बता दें कि, साल 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटक शरद पूर्णिमा पर चांदनी रात में ताजमहल का दीदार नहीं कर पाए थे. इस साल 20 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है. इस बार भी पांच दिन की जगह शरद पूर्णिमा पर चार दिन ही पर्यटक रात्रि में ताज का दीदार कर सकेंगे. क्योंकि, चमकी का पांचवां दिन शुक्रवार है, जिस वजह से ताजमहल बंद रहता है.
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर ताजमहल के रात्रिदर्शन व्यवस्था की शुरूआत सोमवार रात 8:30 बजे से शुरू होगी. जो गुरुवार रात तक चलेगी. यूपी में अभी रात्रि का कर्फ्यू लागू है, जिसके चलते रात्रि दर्शन के लिए ताजमहल रात 8:30 से 11 बजे तक ही खुलेगा. इस दौरान 30-30 मिनट के पांच स्लॉट में 50-50 पर्यटकों के स्लॉट में अधिकतम 250 सैलानी ही चांदनी रात में ताजमहल देख पाएंगे. सोमवार की रात के लिए 127 सैलानियों ने टिकट बुक कराए हैं. गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर-2004 में पूर्णिमा पर ताजमहल के रात्रि दर्शन की इजाजत दी थी, जिसके तहत रात 8:30 से 12:30 बजे तक ताजमहल रात में खुलता था, जिसमें 30-30 मिनट के आठ स्लाट में अधिकतम 400 सैलानी ताज रात्रि दर्शन कर सकते हैं.
यूं समझें चमकी
मुगलबादशाह शाहजहां ने पत्नी मुमताज की मोहब्बत में धवल संगमरमरी ताजमहल के निर्माण में पच्चीकारी के दौरान कीमती नगीनों (प्रीसियस और सेमी-प्रीसियस स्टोन) जड़वाए. जब इन प्रीसियस और सेमी-प्रीसियस स्टोन पर सूर्य या चंद्रमा की रोशनी पड़ती है तो वे चमकने लगते हैं. शरद पूर्णिमा पर जब सुपर मून में किरणें ताजमहल पर अठखेलियां करती हैं तो ताजमहल के हुस्न में जड़े प्रीसियस और सेमी-प्रीसियस स्टोन चमकते हैं. यही चमकी है.