आगराःताजमहल की चहारदीवारी (taj mahal wall) के 500 मीटर दायरे में व्यावसायिक गतिविधियों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के आदेश से 30 हजार लोग परेशान हैं. इस मामले को लेकर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह (Tourism Minister Jaiveer Singh) ने कहा कि भाजपा व्यापारियों के साथ है. इससे व्यापारियों ने राहत महसूस की है.
ताज महल के 500 मीटर दायरे पर बोले पर्यटन मंत्री, भाजपा व्यापारियों के साथ - agra latest news
आगरा में भारतीय जनता युवा मोर्चा महानगर के प्रशिक्षण वर्ग में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह (Culture Minister Jaiveer Singh) ने कहा कि भाजपा व्यापारियों के साथ है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को ताजमहल की चहारदीवारी की 500 मीटर के दायरे में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश किया था. जिसके बाद आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) ने 17 अक्टूबर तक की मोहलत कारोबारियों को प्रदान कर नोटिस जारी कर दिया था. अब जैसे-जैसे घोषित तिथि 17 अक्टूबर नजदीक आ रही है वैसे-वैसे ताजगंज के व्यापारियों की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं. वहीं, शुक्रवार को शहर में भारतीय जनता युवा मोर्चा महानगर के प्रशिक्षण वर्ग और जिला भाजपा का प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम आगरा ग्वालियर हाईवे स्थिति एक मैरिज होम में हुआ. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह समेत भाजपा के कई बड़े नेता भी शामिल हुए.
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह से मीडिया ने सवाल कर कहा कि ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर के दायरे में व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है. इस पर एडीए ने नोटिस भी जारी कर दिए हैं. इसमें लोगों को 500 मीटर की परिधि में आए सभी व्यवसायिक गतिविधि 17 अक्टूबर तक बंद करनी है. इस पर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि, हम ताजगंज क्षेत्र के व्यापारियों के साथ हैं. उनका व्यापार उजड़ने नहीं दिया जाएगा. इस समस्या का कोई न कोई बीच का रास्ता निकाला जाएगा. पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि, सभी काम कानून के दायरे में किए जाएंगे. ब्रज क्षेत्र में पर्यटन के क्षेत्र में काफी काम किया है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने पहुंची संघर्ष समिति
बता दें कि, ताजमहल की बाउंड्री वाल से 500 मीटर की व्यवसायिक गतिविधि बंद करने के आदेश को लेकर पीड़ित परिवार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. ताजगंज डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष नितिन सिंह ने बताया कि, 17 अक्टूबर से पहले कोर्ट में अपना पक्ष रखकर पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे. यदि 17 अक्टूबर से पहले याचिका स्वीकार हो जाती है तो मामला न्यायालय में विचारणीय होने के कारण व्यापारियों को जबरन नहीं हटाया जा सकेगा.
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