आगरा :ताजनगरी को देश की राजधानी से जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेस वे पर गर्मी आते ही हादसों की संख्या बढ़ जाती है. एक्सप्रेस वे पर ज्यादातर हादसे वाहनों के टायर फटने के कारण होते हैं. सूरज की तपिश से सीमेंट और कंक्रीट से बना यमुना एक्सप्रेस वे ज्यादा तपने लगता है. पहिए और सड़क के बीच घर्षण से टायर फट जाते हैं. यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) से सूचना के अधिकार के तहत हादसों का आंकड़ा मिला है. यह बेहद डरावना है. अब पारा 40 के पार पहुंच रहा है. ऐसे में यमुना एक्सप्रेस वे पर चलने वाले वाहन चालकों को सचेत रहने की जरूरत है.
बता दें कि, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) से सूचना के अधिकार के तहत आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन को यमुना एक्सप्रेस वे पर होने वाले हादसों के आंकड़ों की जानकारी मिली है. इसके मुताबिक सन 2012 से सन 2023 तक यमुना एक्सप्रेस वे पर कुल 7256 हादसे हुए. जिसमें 1237 लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही 10520 लोग घायल हुए. इसमें सबसे ज्यादा 3207 हादसे वाहन चालक को नींद आने से हुए हैं. दूसरे नंबर पर 1302 हादसे की वजह ओवरस्पीडिंग है. इसके बाद तीसरे नंबर पर यमुना एक्सप्रेस वे पर 760 हादसे वाहनों के टायर फटने से हुए हैं. यह कुल हादसे का दस प्रतिशत है.
टायर फटने से 11 साल में 1219 घायल, 90 की मौत :वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन बताते हैं कि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार वाहनों के टायर फटने से यमुना एक्सप्रेस वे पर 760 हादसे हुए. जिसमें 1219 लोग घायल हुए. इन हादसों में 90 लोगों की जान भी गई है. इसकी वजह यमुना एक्सप्रेस वे का सीमेंट व कंक्रीट से बना होना है. यमुना एक्सप्रेस वे पर वाहनों की गति 120 प्रति किलोमीटर घंटा निर्धारित है. ऐसे में तेज गति से दौड़ रहे वाहनों के टायर गर्म हो जाते हैं. इसके बाद गर्म सड़क पर घर्षण से वाहनों के टायर फट जाते हैं.