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जहरीली शराब का कहर: मिथाइल अल्कोहल से हुई थी चार की मौत, 2 इंस्पेक्टर समेत 10 पुलिसकर्मी सस्पेंड - agra Jaharili Sharab Case

आगरा (Agra) जनपद के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में बीते सोमवार से अब तक 10 लोगों की जहरीली शराब (Jaharili Sharab) पीने से मौत हो गई है. घटना को लेकर एडीजी राजीव कृष्ण और कमिश्नर अमित कुमार सहित कई अधिकारियों ने बुधवार को मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर शराब के संबंध में जानकारी ली थी. साथ ही छह लोगों का पोस्टमार्टम भी करवाया गया था.

आगरा जहरीली शराब कांड.
आगरा जहरीली शराब कांड.

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Published : Aug 26, 2021, 1:08 AM IST

आगराःजिलेरक्षाबंधन पर तस्करी की जहरीली शराब (Jaharili Sharab) खपाई गई थी. पुलिस ने इस मामले में छह लोगों का पोस्टमार्टम कराया था. सभी के विसरा को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया था. एडीजी राजीव कृष्ण ने बताया कि, फॉरेंसिक लैब की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, डौकी थाना के गांव कोलारा कलां निवासी मृतक रामवीर और मृतक अनिल, बरकुला निवासी मृतक ग्याप्रसाद और ताजगंज थाना के गांव देवरी निवासी सुनील की मौत मिथाइल अल्कोहल की वजह से हुई थी.

चारों मृतक की विसरा रिपोर्ट में मिथाइल अल्कोहल की पुष्टि हुई है. इससे पुलिस और प्रशासनिक महकमा में हड़कंप मच गया है. एडीजी राजीव कृष्ण के आदेश पर एसएसपी मुनिराज जी ने तत्काल ताजगंज थाना इंस्पेक्टर, डौकी थाना इंस्पेक्टर और शमशाबाद थाना एसओ के साथ दो चौकी इंचार्ज निलंबित कर दिए हैं. इसके साथ ही एडीजी राजीव कृष्ण दो आबकारी इंस्पेक्टर सहित पांच के निलंबन की संस्तुति की है.

जांच करते एडीजी राजीव कृष्ण.

बता दें कि रक्षाबंधन के दिन जिले के डौकी थाना, ताजगंज थाना और शमशाबाद थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 10 से ज्यादा लोगों की हालत खराब हुई थी. देखते ही देखते जहरीली शराब में कहर ढाना शुरू कर दिया था. डौकी थाना के गांव कोलारा कलां में सोमवार को राधे और अनिल के साथ ही गांव बरकुला निवासी गया प्रसाद की मौत हो गई थी. मंगलवार को कोलारा कलां निवासी रामवीर की मौत हुई थी. इधर, ताजगंज थाना क्षेत्र के गांव देवरी में भी जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हुई थी. शमशाबाद थाना क्षेत्र में जहरीली शराब ने दो जिंदगी निगल ली थी.

छह का कराया पोस्टमार्टम, चार की आई विसरा रिपोर्ट

डौकी थाना क्षेत्र के गांव कोलारा कलां में सोमवार को जहरीली शराब के सेवन से पहले राधे की मौत हुई थी. परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था, लेकिन पुलिस ने हंगामा होने पर अनिल और रामवीर का पोस्टमार्टम कराया था. दोनों का विसरा फॉरेंसिक लैब भेजा था. गांव बरकुला के गया प्रसाद का भी पोस्टमार्टम कराने के बाद विसरा जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया था. इसके साथ ही ताजगंज थाना क्षेत्र के गांव देवरी में सुनील का पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद विसरा भी जांच के लिए भेजा था.

गमजदा परिजन.

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बुधवार देर रात एफएसएल से एडीजी आगरा राजीव कृष्ण को विसरा की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिली है. जिसमें पुष्टि हुई है. कि, रामवीर, अनिल, गयाप्रसाद और सुनील की मौत मिथाइल एल्कोहल की वजह से हुई है. वहीं, शमशाबाद थाना क्षेत्र के दोनों व्यक्तियों के विसरे की रिपोर्ट अभी आना बाकी है.

आबकारी के दो इंस्पेक्टर और तीन सिपाही के निलंबन की संस्तुति

एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने अपनी जांच रिपोर्ट में सेक्टर 3 फतेहाबाद के आबकारी निरीक्षक संजय कुमार विद्यार्थी, सेक्टर 7 ताजगंज के आबकारी निरीक्षक रजनीश कुमार पांडे और तीन आबकारी सिपाही विशाल कुमार, राजेश कुमार शर्मा और अमरजीत तेवतिया को भी प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाया है. एडीजी जोन ने दो आबकारी इंस्पेक्टर और तीन आबकारी सिपाही के निलंबन की संस्तुति की है. दो इंस्पेक्टर समेत दस पुलिसकर्मी निलंबित एडीजी राजीव कृष्ण ने रिपोर्ट के आधार पर ताजगंज थाना के इंस्पेक्टर उमेश चंद त्रिपाठी, चौकी इंचार्ज एकता कुलदीप मलिक, बीट सिपाही गांव देवरी अरुण कुमार, डौकी थाना के इंस्पेक्टर अशोक कुमार, चौकी इंचार्ज विषैडी भांड एसआई सुनील कुमार, बीट कांस्टेबल गांव कोलारा कलां सोमवीर, हेड कांस्टेबल जगजीत सिंह, एसओ शमशाबाद राजकुमार गिरी, जहान सिंह के बीट कांस्टेबल उदय प्रताप, गांव मेहरामपुर के बीच कॉन्स्टेबल श्याम सुंदर के निलंबन के आदेश दिए हैं. एडीजी की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में खलबली मच गया है.

गमजदा परिजन.

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फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट ने आगरा के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के उस दावे की हवा निकाल दी है. जिसमें जहरीली शराब से लोगों की मौत को नकारा जा रहा था. डीएम प्रभु नारायण सिंह ने मंगलवार को एक रिपोर्ट भी इस बारे में जारी की थी. जिसमें स्पष्ट लिखा था कि, आगरा में एक भी व्यक्ति की मौत जहरीली शराब पीने से नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह से एडीजी आगरा राजीव कृष्ण ने फॉरेंसिक लैब की मिली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस महकमे में कार्रवाई का चाबुक चलाया है. उससे जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं.

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