आगरा :इंटरनेशनल फेयर ताज महोत्सव पर कोरोना महामारी का ग्रहण लग गया है. 30 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब मोहब्बत की नगरी में ताज महोत्सव का आयोजन नहीं होगा. इस महोत्सव में दुनिया भर से पर्यटक आते हैं. ताज महोत्सव में आयोजन स्थल शिल्पग्राम में मिनी भारत नजर आता है. ताज महोत्सव में बॉलीवुड नाइट के साथ ही गीत, संगीत, मुशायरा, कवि सम्मेलन के साथ एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. वहीं, देशभर के कोने-कोने से हस्तशिल्प अपने आइटम की स्टाल भी लगाते थे, जहां से लोग खरीदारी करते हैं.
आगरा के इंटरनेशनल फेयर ताज महोत्सव को लेकर कई बार पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन और आगरा कमिश्नर की बैठक हुई. लेकिन, आगरा में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर ताज महोत्सव पर सभी की एक राय नहीं बनी. इस बारे में जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने अपनी रिपोर्ट आगरा कमिश्नर अनिल कुमार को प्रेषित की, जिसके बाद ही ताज महोत्सव को इस बार नहीं कराने का फैसला लिया गया है. महामारी में संभव नहीं आयोजन
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अमित कुमार का कहना है कि ताज महोत्सव के आयोजन की फाइल आगरा कमिश्नर के पास भेजी थी. वहां से ताज महोत्सव न कराने के लिए कह दिया गया है. क्योंकि, कोरोना के चलते ताज महोत्सव का आयोजन संभव नहीं है. इस समय यदि ताज महोत्सव हुआ तो वहां भीड़ की वजह से कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ जाएगा.
कोरोना गाइडलाइन का पालन मुश्किल
आगरा डीएम प्रभु नारायण सिंह का भी कहना है कि ताज महोत्सव में बड़ी संख्या में देसी और विदेशी लोग शामिल होते हैं. वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते इतने बड़े आयोजन करना संभव नहीं है. इस आयोजन में सोशल डिस्टेंस के साथ ही कोरोना गाइडलाइन का पालन कराना बड़ा मुश्किल होगा.
1992 में हुई थी शुरुआत
आगरा में ताज महोत्सव की शुरुआत 1992 में हुई थी. तब से लगातार ताज महोत्सव का आयोजन हर साल फरवरी 18 फरवरी से 27 फरवरी तक शिल्पग्राम में होता आ रहा है. मगर, कोरोना महामारी के चलते इस बार 30 साल में पहली बार ताज महोत्सव का आयोजन नहीं होगा.