आगरा:शुक्रवार को120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आए तूफान ने ताजमहल में तबाही मचा दी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के अधिकारियों ने ताजमहल में तूफान से हुए नुकसान का आकलन किया है. एएसआई इस नुकसान की भरपाई को लेकर ताजमहल पर 25 लाख रुपये खर्च करेगा. हालांकि इससे पहले भी ताजमहल मौसम की मार झेल चुका है. पिछले दो साल में तीन बार ताजमहल ने 120 से 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आए तूफान का सामना किया है. तूफान के जख्म भरने में एएसआई को लाखों का बजट और मजदूरों को महीनों तक मेहनत करनी पड़ी थी.
- पूर्वी गेट का दरवाजा उखड़ गया.
- ताजमहल परिसर के गार्डन के 40 से ज्यादा पेड़ टूटे और उखड़ गए.
- चमेली फर्श पर रेड स्टोन की लगी 3 जालियां टूटीं.
- ताजमहल के पूर्वी-पश्चिमी गेट पर पर्यटकों की सुविधा के लिए बनाए गए शेड की फॉल्स सीलिंग उखड़ गई.
- मुख्य मकबरे पर लगाई गई संगमरमर की रेलिंग की 8 जालियां टूटीं.
11 अप्रैल 2018 का नुकसान - ताजमहल परिसर के 100 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए थे.
- तूफान में रॉयल गेट का उत्तरी पश्चिम जिगजैग पिलर और छज्जा टूटकर वीडियो प्लेटफार्म पर गिर गया था, जिससे फर्श के पत्थर धंस गए थे और रैंप भी टूट गई थी.
- दक्षिणी गेट का करीब 8 फीट ऊंचा उत्तर पश्चिम में पिलर टूट कर दीवार पर गिरा था, जिससे दीवार चटक गई थी.
- ताजमहल के मुख्य मकबरे में यमुना किनारे की तरफ बॉर्डर पर लगे काले संगमरमर के पत्थर टूट कर नीचे गिर गए थे.
- गुंबद में लगे कुछ छोटे-छोटे पत्थर भी निकल गए थे.