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International Yoga Day 2023: फादर जॉन फरेरा कैसे बने योग गुरु, 40 साल से दे रहे ट्रेनिंग - अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देश-दुनिया में लोग योगासन कर रहे हैं. अखबार से लेकर सोशल मीडिया तक योग से जड़ी खबरें सुर्खियों में हैं. इसी कड़ी एक ऐसे योग गुरु का नाम भी शामिल है, जो पादरी से योग गुरु बन गए. आगरा के ये योग गुरु बीते 40 साल से इस लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं और इन्होंने योगा के प्रचार-प्रसार को ही अपना मुख्य ध्येय बना लिया है.

international yoga day
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Published : Jun 21, 2023, 11:13 AM IST

फादर जॉन फरेरा के योग गुरु बनने की कहानी

आगराःजिले के पादरी फादर जॉन फरेरा 40 साल से देश और दुनिया में योग की अलख जगा रहे हैं. स्कूल, कॉलेज, जेल और अन्य संस्थानों में वो लोगों को योग सिखाते हैं. इससे फादर की अब नई पहचान योग गुरु के रूप में बन चुकी है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर फादर जॉन फरेरा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने योग गुरु बनने की कहानी बताई. पादरी ने बताया कि पढ़ाई के दौरान बीमार रहने पर उन्होंने योग अपनाया. खुद को योग करने से फायदा हुआ, तो उन्होंने मिशन योगा की शुरुआत की थी. उनका योगा मिशन देश के आगरा, बैंगलुरु और मुंबई के साथ ही आस्ट्रेलिया, अमेरिका समेत अन्य देशों तक पहुंच गया है.

फादर जॉन फरेरा से योग सिखती महिलाएं
ईटीवी भारत को फादर जॉन फरेरा ने बताया कि योग का ज्ञान किताबी न रहे. इसका सभी को फायदा हो, इसलिए सबसे पहले मैंने सेंट पीटर कॉलेज का प्रिंसिपल रहते हुए ऑफिस के सामने जीजस का स्टेच्यू बनाया. यहां 12 फीट ऊंचा स्टेच्यू 14 फीट के स्टैंड पर है. जीजस को इस स्टेच्यू में योग करते दिखाया गया है. इसके साथ ही संस्थान परिसर में स्कूली बच्चे, अभिभावक, टैक्सी चालक, रिक्शा चालक और अन्य लोगों के बीच में योग को बढ़ावा देने के लिए योग के 61 आसन वाले स्टेच्यू बनवाए. हर स्टेच्यू के नीचे यह भी लिखवाया कि इस आसन से क्या फायदा होगा.
सेंट पीटर कॉलेज में प्रिंसिपल रहते हुए फादर जॉन फरेरा जीजस का योग आसन में बनवाया स्टेच्यू

फादर के अनुसार, उन्होंने हर साल स्कूल से जारी होने वाले कैलेंडर को योगा कैलेंडर में बदल दिया गया. कैलेंडर में योग मुद्राओं के साथ-साथ ये भी बताया गया कि कौन सा फल खाने से क्या-क्या फायदे होंगे. स्कूल कैम्पस में जगह-जगह योग की मुद्रा वाली तस्वीरें लगाई गईं. ताकि चलते-फिरते भी बच्चों की निगाह इन तस्वीर पर जाए. इससे उनका मन भी योग के बारे में जानने और उन्हें करने के लिए हो.

योग आसन करते फादर जॉन फरेरा

3 इंस्टीट्यूट से ली योग की शिक्षाःफादर जॉन फरेरा ने बताया कि उन्होंने सन 1986 में मुंगेर स्थित योगा स्कूल ऑफ बिहार, 1987 में स्वामी शिवानंदा इंस्टीट्यूट, ऋषिकेश और 2008 में स्वामी विवेकानंद इंस्टीट्यूट बेंगलुरु से योगा की शिक्षा ली. वह बताते हैं कि योग को और नजदीक से जानने के लिए स्वामी विवेकानंद इंस्टीट्यूट बैंगलुरु आते जाते रहते हैं.

नई पीढ़ी को सिखा रहे योगःफादर फरेरा ईटीवी भारत को बताया कि योगा का प्रचार-प्रसार करना ही उनका मुख्य ध्येय है. इसलिए वह रिटायर होने के बाद कहीं नहीं गए. आगरा और जहां से भी कोई उन्हें बुलाता है. वह वहां पर योग सिखाने जाते हैं. नई पीढ़ी भी योग करे. इसलिए सेंट लॉरेंस सेमीनरी (गुरुकुल) में पादरी बनने का कोर्स कर रहे बच्चों को योग कराते हैं. वह सेंट कॉनरेड स्कूल में भी योग कराने जाते हैं. वह जिस चर्च में पादरी हैं. वहां, सुबह से शाम तक लोगों को योग की शिक्षा देते हैं. इसके साथ ही आगरा की सेंट्रल जेल में कैदियों को भी योग कराते हैं. ताकि कैदी हेल्दी रहें.

फादर जॉन फरेरा आगरा में एक योग आश्रम भी करते हैं संचालित

शिक्षकों को दे रहे ट्रेनिंगःउन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे लोग हैं. जो खुद योगासन करना नहीं जानते हैं. वे भी योग सिखा रहे हैं. इसलिए स्कूल बच्चों तक योग पहुंचाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग की शुरूआत की. स्कूल के टीचर्स को योग की पढाई कराता हूं. इसके साथ ही वह आगरा में एक योग आश्रम भी चलाते हैं. इसमें ओपीडी के साथ ही रेजीडेंशियल की सुविधा भी है. ओपीडी में रोजाना 7 से 8 लोग आते हैं. जो किसी न किसी बीमारी से ग्रसित होते हैं.

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