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'प्रेम नगरी' में 'जन्नत' की मिट्टी

कश्मीर...यानी की जन्नत...यहां की खूबसूरत वादियों को जिसने भी देखा, वही इसका दीवाना हो गया. कश्मीर की हसीं वादियों को देखकर मुगल बादशाह भी इसके दीवाने हो गए... धरती की 'जन्नत' कश्मीर से आगरा का बरसों पुराना नाता रहा है... जहांगीर की पत्नी नूरजहां ने कश्मीर से मिट्टी मंगवाकर अंगूरी बाग में अंगूर समेत कश्मीर के तमाम पौधे लगवाए थे... आज भी आगरा किले का अंगूरी बाग कश्मीर की मिट्टी से महकता है. देखिए ये खास रिपोर्ट...

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Published : Dec 4, 2020, 11:11 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 11:22 PM IST

story of historical anguri bagh
आगरा के अंगूरी बाग की कहानी.

आगरा:मुगलों की राजधानी आगरा थी. यहीं से मुगलिया सल्तनत चलती थी और फरमान जारी होते थे. मगर, मुगल बादशाहों की पसंद कश्मीर था. बादशाह जहांगीर कश्मीर की खूबसूरती पर फना रहता था. कश्मीर को लेकर जहांगीर ने फारसी में लिखा था कि, 'गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त'. इसका मतलब है कि, धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है और सिर्फ यहीं पर है. धरती की 'जन्नत' कश्मीर से आगरा का बरसों पुराना नाता है. जहांगीर की पत्नी नूरजहां ने कश्मीर से मिट्टी मंगवाकर अंगूरी बाग में अंगूर समेत कश्मीर के तमाम पौधे लगवाए थे. आज भी आगरा किले का अंगूरी बाग कश्मीर की मिट्टी से महकता है.

स्पेशल रिपोर्ट...

मुगलों की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी कश्मीर
मुगल बादशाह अकबर ने सन् 1565 से सन् 1573 के बीच आगरा किले का जीर्णोद्धार कराया था. यहां पर कई भवन भी बनवाए थे. अकबर ने साम्राज्य का विस्तार करके सन् 1586 में कश्मीर को मुगल साम्राज्य में मिलाया था. अकबर ने कश्मीर की तीन यात्राएं की थी. जहांगीर के समय में कश्मीर को मुगल साम्राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया था. जहांगीर ने वहां बाग और भवन बनवाए थे.

आगरा किला.

कश्मीर से हाथी-ऊंटों से आई थी मिट्टी
इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' का कहना है कि, मुगल बादशाह जहांगीर का कश्मीर से विशेष लगाव था. जहांगीर ने आगरा किले में कश्मीर के पेड़-पौधे और फसल उगाने की योजना बनाई थी. इसके तहत कश्मीर से हाथी और ऊंटों से लद करके मिट्टी आगरा आई थी. जहांगीर ने आगरा किले के अंगूरी बाग में कश्मीर की मिट्टी से अंगूर की बेल, सेब, चैरी और सेब सहित कश्मीर के अन्य तमाम पेड़-पौधों को लगाने का प्रयास किया था. उसने आगरा किले में केसर को उगाने की भी कोशिश की थी, लेकिन केसर नहीं हुई. बाकी के पौधे लग गए थे.

अंगूरी बाग.

शराब का शौकीन था जहांगीर
इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' का कहना है कि मुगल बादशाह शराब पीने के शौकीन थे. बादशाह जहांगीर ने शराब और मांसाहार को लेकर कहा था कि, मुझे आधा सेर मांस और एक शराब की बोतल चाहिए. बाकी की सल्तनत नूरजहां के हवाले है. वह जैसा चाहे, वैसे मुगल सल्तनत चलाए.

चारबाग शैली में बना है अंगूरी बाग
वरिष्ठ टूरिस्ट गाइड राजीव ठाकुर का कहना है कि आगरा किले में स्थित अंगूरी बाग 'चारबाग' शैली में बनाया गया है. मुगल काल की अगर हम बात करें तो ताजमहल को छोड़कर अधिकतर भवन 'चारबाग शैली' में बनाए गए हैं. यह अंगूरी बाग करीब साढ़े 400 साल पुराना है. आगरा का तापमान अंगूर के लिए सही नहीं था. इसलिए इसे ऊपर उठाकर क्यारियों में मिट्टी डाली, फिर अंगूर की बेल उगाई थी. अब एएसआई ने इसे ऐसा बनाया है, जिससे लोग देख सकें कि मुगल काल में यहां अंगूरी बाग था. खास महल के सामने अंगूरी बाग में सिंचाई का काम यमुना से आने वाले पानी से किया जाता था.

अंगूरी बाग.

केके मोहम्मद ने 2003 में कराई थी खुदाई
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग के आगरा सर्किल के तत्कालीन अधीक्षण पुरातत्वविद पद्मश्री केके मोहम्मद ने सन् 2003 में अंगूरी बाग की खुदाई कराई थी. उद्यान शाखा की खुदाई में अंगूरी बाग की संरचना मिली थी. ब्रिटिश काल में उसी पैटर्न को अपनाकर यहां पर बाग लगवा दिया गया था.

Last Updated : Dec 4, 2020, 11:22 PM IST

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