आगरा: वैसे रील लाइफ को रियल लाइफ में उतारना काफी मुश्किल है. लेकिन, आगरा मंडल की आगरा सेंट्रल जेल (Agra Central Jail) और फिरोजाबाद जिला जेल (Firozabad District Jail) में बंद 51 कैदियों ने इसे सच करके दिखाया है. रील को रियलिटी में साबित करने वाले कैदियों को अपने किए का पछतावा है. वे इसके सहारे जिंदगी नहीं काटना चाहते हैं. जब बीते साल 'दसवीं' फिल्म की शूटिंग आगरा सेंट्रल जेल में हुई तो फिल्मी किरदार गंगाराम चौधरी की तरह यहां के कैदियों में पढ़ाई की ललक जगी और रील लाइफ के दबंग और अनपढ़ राजनेता गंगाराम चौधरी (अभिषेक बच्चन) की तरह ही जेल में रहकर दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में बैठे और पास भी हुए.
बीते साल 2021 में आगरा सेंट्रल जेल में 'दसवीं' फिल्म की शूटिंग हुई थी. इस फिल्म में मुख्य किरदार दबंग और अनपढ़ राजनेता बंदी का किरदार गंगाराम चौधरी (अभिषेक बच्चन) का था. जबकि, फिल्म में सख्त जेलर ज्योति (यामी गौतम) का किरदार था. इस फिल्म में गंगाराम चौधरी ने जेल में रहकर दसवीं की परीक्षा दी और पास भी हुए.
बोर्ड Exam पास कैदियों की सफलता की कहानी आगरा सेंट्रल जेल और फिरोजाबाद जिला के बंदी हुए पास
आगरा जोन जेल डीआईजी और आगरा सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह का कहना है कि आगरा सेंट्रल जेल के 9 कैदियों ने दसवीं की परीक्षा पास की, जबकि तीन कैदियों ने 12 वीं की परीक्षा में सफलता हासिल की. इनमें से तीन कैदियों ने दसवीं में फर्स्ट डिविजन में परीक्षा उर्त्तीण की. वैसे तो आगरा सेंट्रल जेल के कैदी लगातार शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. लेकिन, यहां जब दसवीं फिल्म की शूटिंग हुई, तब से कैदियों का शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ा है. शिक्षा ही एक ऐसा साधन है, जिससे यहां से जाने के बाद कैदियों का पुनर्वास और भी बेहतर हो पाएगा. साथ ही, उनके जीवन में भी बदलाव आएगा. बता दें कि आगरा सेंट्रल जेल में दसवीं और बारहवीं की शिक्षा के साथ ही स्नातक और अन्य डिप्लोमा की भी पढ़ाई हो रही है.
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फिल्म का मकसद हो रहा सार्थक
आगरा जोन जेल डीआईजी और आगरा सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह का कहना है कि 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम आने के बाद फिल्म दसवीं की यूनिट और डायरेक्टर को इसकी जानकारी दी गई. फिल्म के डायरेक्टर तुषार जलोटा ने कहा कि कैदियों ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करके अपनी लगन प्रदर्शित की है. वहीं, अभिनेता अभिषेक बच्चन ने भी कैदियों के 10वीं और 12वीं पास करने पर उन्हें बधाई का संदेश भेजा है. निदेशक तुषार और अभिनेता अभिषेक का कहना है कि जिस मकसद से फिल्म दसवीं का निर्माण किया गया है, वो मकसद सार्थक साबित हो रहा है.
बंदियों की जुबानी सफलता की कहानी
कैदी हितेंद्र सिंह ने बताया कि वह दहेज हत्या में सजा काट रहा है. उसने बताया कि दसवीं फर्स्ट डिविजन से पास की है. पहले गरीबी और परिवार की जिम्मेदारी के चलते नौवीं तक पढ़ पाया और फिर शादी हो गई. अब दहेज हत्या में सजा हुई है. उसने बताया कि वह जब जेल गया तो उसे वहां का माहौल सही लगा. फिल्म 'दसवीं' की शूटिंग हुई तो पढ़ाई की ओर रूझान और गया. इसलिए यहां पर पढ़ाई शुरू की और दसवीं पास की. यहां पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था है. इसलिए यहां पर अपना व्यर्थ समय बर्बाद नहीं करें. यहां रह कर पढ़ाई समेत अन्य तमाम तरह के रोजगार कोर्स करें, जिससे यहां से बाहर जाने के बाद अपनी जीविका चला सकें.
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कैदी सतेंद्र ने बताया कि उसने जेल में रहकर ही दसवीं की परीक्षा पास की थी. इस बार उसने 12वीं की परीक्षा पास की है. सबको पढ़ता देखकर वह भी पढ़ने बैठ गया. उसने बताया कि वह अपनी गलतियों का पश्चाताप करेगा और यहां से पढ़कर जब बाहर जाएगा तो कुछ कर सकेगा. उसने कहा कि वह आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखेगा, जिसके दम पर कोई व्यापार या काम कर सके.
एक नजर आंकड़ों पर
- 09 कैदियों ने आगरा सेंट्रल जेल में रहकर दसवीं की पास.
- 03 कैदियों ने आगरा सेंट्रल जेल में रहकर 12वीं की पास.
- 28 कैदियों ने फिरोजाबाद जिला जेल में रहकर दसवीं की पास.
- 11 कैदियों ने फिरोजाबाद जिला जेल में रहकर 12वीं की पास.
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