आगरा : ...और जब तीन साल की मासूम बेटी ने अपने पिता की चिता को आग लगाई तो वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखें गीली हो गईं. तीन साल की वैष्णवी को तो इस बात का भी अहसास नहीं था कि उसके पिता अब कभी लौटकर नहीं आएंगे. इस मासूम को इस बात का भी अहसास नहीं था कि जिस चिता को वह आग दे रही है उस पर उसके पिता लेटे हैं.
कासगंज में शराब माफिया के हमले में सिपाही देवेंद्र सिंह शहीद हो गए थे. देवेंद्र आगरा जिले के नगला बिंदु गांव के रहने वाले थे. वह कासगंज में शराब माफिया मोतीराम के घर कुर्की का नोटिस चस्पा करने गए थे. उनके साथ दारोगा अशोक कुमार सिंह भी थे. शराब माफिया ने दोनों पर हमला बोल दिया और सिपाही देवेंद्र सिंह शहीद हो गए. दारोगा अशोक कुमार सिंह अभी भी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. देवेंद्र सिंह का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया. वैष्णवी को तो अब भी यही लगता है कि उसके पापा उसके लिए चॉकलेट लेकर आएंगे. उसे सिर्फ इतना पता है कि उसके पापा के हाथों में चोट लगी है.