आगराः सिख गुरु गोविंद सिंह (Guru Gobind Singh) के चारों साहिबजादों और माता गुजर कौर की शहादत को रविवार की शाम गुरु परिवार के नाम याद किया गया. इस अवसर पर आगरा किला के ‘सफर ए शहादत’ (Safar e Shahadat) लाइट एंड साउंड कार्यक्रम हुआ. जिसमें गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत से साका सरहिंद तक का वृतांत प्रस्तुत किया गया. जिसमें दिखाया गया कि कैसे छोटे-छोटे बच्चों ने सूबे के कोतवाल के प्रलोभन का तिरस्कार करके अपना धर्म नहीं छोड़ा था. लाइट एंड साउंड शो में जो बोले सो निहाल गूंजा. देर शाम तक चले इस कार्यक्रम में सैकड़ो लोग पहुंचे थे.
लाइट एंड साउंड शो (Agralight and Sound Show) में 2 बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह जिस प्रकार 10 लाख फौज का सामना करते हुए शहादत को प्राप्त हुए. उस समय उनके पिता गुरु गोविंद सिंह अपने एक-एक पुत्रों को शहीद होते देख रहे थे. यह मार्मिक दृश्य कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया. गुरु गोविंद सिंह के दोनों छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह अपने परिवार की तरह से जिस बेबाकी से सामना करते हैं. यह देखकर पूरा कार्यकम स्थल जयकारों से गुंज उठा. जब छोटे साहिबजादे बाबा फतेह सिंह की गर्दन के पास दीवार आई और बड़े साहिबजादे बाबा जुझार सिंह की आंखों में पानी भरा तब बाबा फतेह सिंह ने कहा कि आप मौत के भय से घबरा गए. तब उनके जवाब को सुनकर कि तुम इस संसार में मेरे बाद आए हो और मुझसे पहले संसार छोड़कर जा रहे हो. इस शब्द को सुनकर कार्यक्रम में उपस्थित सभी की आंखें भर आईं.
लाइट एंड साउंड शो (light and sound show) की शुरुआत संत बाबा प्रीतम सिंह ने दीप प्रज्वलित करके की. यह कार्यक्रम गुरुद्वारा गुरु का ताल और सिक्ख समाज (Sikh society) के सहयोग से अभियान फाउंडेशन कर रहा है. इसके बाद वीर महेंद्र पाल सिंह ने देह शिवा वर मोहे एह शुभ करमन ते कबहूं न टरो का जोशीला गायन किया. इस अवसर पर संत बाबा प्रीतम सिंह, रवि दुबे, अध्यक्ष बंटी ग्रोवर, शंकरेश शर्मा, भूपेंद्र ठाकुर, कंवल दीप सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित रहे.
सफर ए शहादत पर आगरा किला के पार्श्व में गूंजे 'बोले सो निहाल' के जयकारे
आगरा किला (Agra Fort) के ‘सफर ए शहादत’ (Safar e Shahadat) लाइट एंड साउंड कार्यक्रम में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों और माता गुजर कौर की शहादत को याद किया गया. इस लाइट एंड साउंड शो में जो बोले सो निहाल से पूरा कार्यक्रम गूंज उठा.
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों और माता गुजर कौर की शहादत